
उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद यमुना नदी और चंबल नदी के किनारे बसा हुआ है यमुना नदी और चंबल नदी में विभिन्न प्रकार के कछुए पाए जाते हैं इन क्षेत्रों में तस्कर कछुओं का अवैध शिकार कर सप्लाई करते हैं और इनकी बिक्री कोलकाता शहर के माध्यम से चीन म्यांमार और अन्य देशों में की जाती है। वन विभाग की टीम ने रात्रि सूचना के आधार पर कछुओं को एसटीएफ की टीम में छापा मारते हुए रणनीति के तहत चार तस्करों को 67 बड़े कछुओं के साथ गिरफ्तार किया है।

इन कछुओं की बाजार में कीमत 5 लाख से अधिक बताई जा रही है। यह सभी दुर्लभ प्रजाति के कछुए पौरूष क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयोग में लिए जाते हैं।
पर्यावरण एवं वन्य जीव विशेषज्ञ डॉ०राजीव चौहान ने बताया कि यह तस्कर इन कछुओं को दूसरे प्रदेशों में ले जाकर बेचते हैं यह जो बरामद कछुए हैं ।

इनमें सुंदरी लेसिमेस पंकटाटा दूसरा कटावा नीलसोनिया गंगटकेल्स एवं चित्रा इंडिया तीन प्रजाति के कछुए हैं जो चित्राइंडिया कछुआ है यह 5 किलो से लेकर 50 किलो वजन तक का बरामद हुआ है यह सभी कछुए पौरुष क्षमता बढ़ाने के लिए मीट के प्रयोग में लिए जाते हैं।

इनकी कीमत 400 से लेकर 500 प्रति किलोग्राम के हिसाब से होती है और विशेष बात यह है की पर्यावरण के दृष्टिकोण से यह अमूल्य धरोहर का बड़ा नुकसान है। 67 बरामद कछुओं में 62 कछुए जिंदा है और पांच कछुए मृत हो चुके हैं।
रिपोर्ट-विजयेन्द्र तिमोरी,