
द इंडियन ओपिनियन
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा आज सुबह 9:00 बजे देश को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी गई है इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने किसानों से अपील की है कि वह प्रदर्शन छोड़कर अपने घरों और खेतों को वापस लौटे और देश के विकास में योगदान दें ।
लेकिन प्रधानमंत्री की अपील के बावजूद किसान नेता राकेश टिकैत ने अपने तीखे तेवरों को जारी रखते हुए या कहा है की किसान संगठन अपने आंदोलन को वापस नहीं लेंगे जब तक की सभी कानूनों को संवैधानिक प्रक्रिया के द्वारा संसद में वापस नहीं किया जाता।

हालांकि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह कह दिया था कि इसी महीने के अंत में संसद के सत्र में इन कानूनों को वापस करने की संवैधानिक प्रक्रिया को भी पूरा कर दिया जाएगा।

राकेश टिकैत ने टि्वटर पर कहा है कि संवैधानिक रूप से संसद के अंदर कानून वापस होने के बाद ही हम आंदोलन वापस लेंगे लेकिन सरकार को इसके साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी और किसानों की दूसरी समस्याओं पर भी बात करनी होगी।
द इंडियन ओपिनियन