
लखनऊ :पूरी दुनिया के साथ साथ भारत में 2019 में एक कोरोना वायरस नाम का बड़ा संकट आया जो मनुष्य के द्वारा मनुष्य को संक्रमित करता है इस वायरस के संक्रमण से जहां लाखों लोगों की मौत हुई वही लॉकडाउन लगाने की वजह से अर्थव्यवस्था भी बर्बाद हुई अनुमान है कि दुनिया में इसकी वजह से करोड़ों लोग बेरोजगार हुए।

यह बहुत पहले बहुत तेजी से चाइना के वुहान शहर से यह वायरस फैलता है और ट्रांसमिशन द्वारा एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य को यह प्रभावित करता हर सतह पर इसका कुछ ना कुछ प्रभाव छोड़ जाता है इसको माइक्रोस्कोप से द्वारा देखा गया तो पाया गया कि यह गर्दन में मुकुट संरचना तैयार कर लेता और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से या फिर शहरों के स्पर्श के द्वारा मनुष्य के नाक और मुंह के द्वारा अपने ही संक्रमित हाथों या वस्त्रों के जरिए से गले से होते हुए फेफड़ों में प्रवेश कर जाता है फिर मरीज को सांस लेने में अलग-अलग तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता और सही समय पर उचित इलाज और देखभाल ना होने पर मृत्यु की भी संभावना प्रबल होती है।

सरकार और देश के वैज्ञानिकों के गंभीर प्रयासों के चलते देश में बहुत कुछ बदल रहा है भारत में कोरोना की दो स्वदेशी वैक्सीन तैयार करके पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया इसके साथ ही गंभीर प्रयासों का फल मिला और कम समय में देश देश में कोरोना के 100 करोड़ डोज़ लोगों को उपलब्ध कराए गए।

इसी के साथ भारत विश्व में वैक्सीनेशन के मामले में सबसे पहला देश बन गया है जिसने सर्वाधिक लोगों को निशुल्क वैक्सीन की खुराक उपलब्ध करवाई है। हमें यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि कोरोना की दूसरी लहर ने भारत में सर्दियों के मौसम में ही दस्तक दिया था इस बार फिर सर्दियां हैं पिछली बार भी देश में कई राज्यों में चुनाव थे इस बार भी सर्दियों में चुनावी प्रक्रिया कई राज्यों में आगे बढ़ रही है चुनावी रैलियां भी हो रही हैं चुनाव के दौरान ही तेजी से संक्रमण फैलने लगा था और देश में बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जान गवाई थी अस्पताल में बेड नहीं बचे थे ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल पा रहे थे वही परिस्थितियां फिर हमारे सामने ना आ जाए इसके लिए जरूरी है कि को कोविड प्रोटोकॉल का गंभीरता से पालन हो।
चुनावी रैलियों के चलते कोरोनावायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है ।उत्तर प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं कई प्रदेशों में बड़े नेताओं की रैलियां शुरू हो गई है मास्क सैनिटाइजर और प्रोटोकॉल कहीं दिखाई नहीं पड़ रहा है ऐसे में अगर तीसरी लहर ने भारत में दस्तक दे दिया तो पहले से ही इस संकट को दो बार झेल कर अपना बहुत कुछ गवा चुके भारतवासियों का कितना बुरा हाल होगा इसका आप सिर्फ अंदाजा ही लगा सकते हैं।
मानस चतुर्वेदी
द इंडियन ओपिनियन