जींस टीशर्ट वाली रईसजादी ने की युवक से बदसलूकी पिटाई, पुलिस मूकदर्शक!

आपने तस्वीरें देखी और इस वीडियो में आ रही आवाजों को सुना जिसमें लोग इस जींस टीशर्ट वाली लड़की के बारे में क्या कह रहे हैं ..

हम आपको बता दें कि यह नजारा प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कृष्णा नगर थाना क्षेत्रान्तर्गत का है जहां पर बीच सड़क पर इस रईसजादी युवती ने एक कैब ड्राइवर की पिटाई कर दी।

राजधानी की सड़कों पर यह हाई वोल्टेज ड्रामा काफी देर तक चलता रहा और इस दौरान वहां पर जाम की स्थिति भी उत्पन्न हो गई लेकिन इस दौरान किसी ने युवती को रोकने का प्रयास नहीं किया वहीं।

लड़की लगातार उस युवक पर हमलावर होती रही लगातार उस पर प्रहार करती रही वही वह लड़का उस लड़की के हाथ से पिटता रहा और भीड़ के सामने गिड़गिड़ाता रहा कि इस लड़की ने उसका मोबाइल तोड़ दिया है और उसे पीट रही है लेकिन इस युवती को ना मालूम किस बात का गुरूर रहा कि उसने बीज बचाव करने आए लोगों पर भी अपनी भड़ास निकालनी शुरू कर दी।

शर्मनाक बात यह है कि वहां पुलिसकर्मी भी मौजूद थे फिर भी कानून का मजाक बनता रहा रईसजादी का हाई वोल्टेज ड्रामा वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जहां सोशल मीडिया यूजर्स भी अपनी तरह तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं वही कई यूजर्स का कहना है कि इस यूपी को मारने का अधिकार किसने दिया वहीं कई लोग यह कह रहे हैं समाज में फेमिनिज्म का गलत सहारा लिया जा रहा है और युवक की सरेआम पिटाई करना एक गैर कानूनी काम है।

वीडियो में दिखा जा सकता है की जींस टीशर्ट वाली लड़की उस युवक के साथ काफी बदतमीजी से पेश आ रही है यदि युवती को कोई समस्या थी तो उसे संबंधित थाने में अथवा पुलिस से संपर्क करना चाहिए था लेकिन लड़की के द्वारा किया गया यह बर्ताव उचित नहीं है जबकि जो लड़का मार खा रहा है उसने बहुत ही धैर्य का परिचय दिया यदि वह चाहता तो अकेली ही उस लड़की को सबक सिखा सकता था लेकिन उसने इंसानियत और नारी जाति का सम्मान करते हुए लड़की की बदतमीजी को बर्दाश्त करता रहा ।

यही नहीं बीच-बचाव करने आए लोगों से भी उस युवती ने बदसलूकी की लड़के का कॉलर पकड़कर खींचा और मध्यस्थता करने आए युवक पर भी हाथ उठा दिया इस मामले में सबसे गैर जिम्मेदार रवैया पुलिस का रहा है लखनऊ पुलिस के अधिकारियों कर्मचारियों ने इस मामले में अगर समय रहते सही कार्रवाई की होती वहां पर दखल दिया होता तो एक जिम्मेदार नौजवान को इस तरह बेइज्जत ना होना पड़ता।

रिपोर्ट – आनंद मिश्रा, लखनऊ

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