देश को धोखा, ममता (TMC) ने बांग्लादेशी को MLA का चुनाव लड़ाया, HC में खुलासा!

कोलकाता उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि बोगांव दक्षिण सीट से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार अलो रानी सरकार वर्ष 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान बांग्लादेशी नागरिक थीं । वह भाजपा उम्मीदवार से चुनाव हार गई थीं।

न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने 20 मई को दिए अपने फैसले में कहा कि भाजपा उम्मीदवार स्वप्न मजूमदार की जीत को चुनौती देने वाली अलो रानी सरकार की चुनाव याचिका खारिज करने योग्य है क्योंकि याचिकाकर्ता भारतीय नागरिक नहीं है।

न्यायधीश ने कहा अलो रानी ने भारतीय कानून के तहत नागरिकता हासिल नही की।

न्यायाधीश ने कहा कि अलो रानी सरकार ने उनके नाम पर जारी मतदाता कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड और पासपोर्ट प्राधिकरण द्वारा जारी पासपोर्ट के आधार पर भारत का नागरिक होने का दावा किया था। हालांकि, ये भारत की नागरिकता के दस्तावेज नहीं हैं और उन्होंने इन दस्तावेजों को नागरिकता अधिनियम, 1955 के प्रावधानों के अनुसार हासिल नहीं किया।

जन्म से भारत की नागरिक होने का दावा झूठा – उच्च न्यायलय

न्यायमूर्ति चौधरी ने कहा कि अलो रानी का यह दावा कि वह जन्म से भारत की नागरिक थीं, झूठा साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि मौजूदा तारीख को भी यह स्पष्ट नहीं है कि बांग्लादेश की मतदाता सूची से उनका नाम हटा दिया गया है या नहीं।

जीते हुए उम्मीदवार के विरुद्ध दायर की थी चुनाव याचिका

अलो रानी सरकार द्वारा जून, 2021 में चुनाव याचिका दायर करने के बाद चुनाव में जीते हुए उम्मीदवार मजूमदार ने एक आवेदन दायर किया था जिसमें कहा गया था कि याचिकाकर्ता एक विदेशी नागरिक है और उसके द्वारा दायर की गई अपील कानूनी रूप से सुनवाई योग्य नहीं है।

उच्च न्यायलय के इस निर्णय ने एक बार फिर बांग्लादेश के नागरिकों की हमारे देश में बढ़ती हुई घुसपैठ और सत्ता में प्रभुत्व को उजागर कर दिया है। यदि इसको समय रहते रोका न गया तो इसके हमारे देश की सुरक्षा और अस्मिता पर दूरगामी परिणाम होंगे ।

रिपोर्ट – विकास चन्द्र अग्रवाल

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