नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही, विपक्ष ने काटा हंगामा।

नई दिल्ली :मोदी मंत्रिमण्डल के नए सदस्यों की शपथ के बाद मोदी नए मंत्रियों का परिचय देने खड़े हुए, तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। सदन की कार्यवाही शुरू होने के 8 मिनट बाद ही विपक्ष के सांसद नारेबाजी करने लगे। प्रधानमंत्री अपने मिनिस्टर्स को इंट्रोड्यूज भी नहीं करा सके, तो अध्यक्ष ने कार्यवाही को स्थगित कर दिया। आखिर में कार्यवाही को मंगलवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
लोकसभा के बाद प्रधानमंत्री राज्यसभा पहुंचे। वहां भी मोदी के भाषण शुरू करते ही हंगामा शुरू हो गया। हंगामा बढ़ते देख पीएम ने लोकसभा में कही बातों को दोहराया और कहा कि मंत्रिमंडल में नवनियुक्त सदस्यों को राज्यसभा में इंट्रोड्यूस माना जाए। हंगामे के चलते राज्यसभा दो बार स्थगित करनी पड़ी और दोपहर 3.30 बजे इसे दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया।
हंगामे पर मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते।’
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाइजर रहे संजय बारू ने सोशल मीडिया में लिखा, ‘आपको याद होगा कि जुलाई 2004 में तब प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह को भी सदन में बोलने नहीं दिया गया था। वे राष्ट्रपति के प्रस्ताव पर धन्यवाद तक नहीं दे सके थे।’
सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों से सदन में शांति बनाए रखने की अपील की। संसद के बाहर PM ने मीडिया से कहा, ‘मैं सभी सांसदों से आग्रह करूंगा कि वे तीखे से तीखे सवाल पूछें, बार-बार सवाल पूछें, लेकिन शांत वातावरण में सरकार को जानकारी देने का मौका भी दें।’
मोदी ने कहा कि सदन में चर्चा सार्थक हो, परिणामकारी हो। इससे जनता-जनार्दन को भी जानकारी मिलती है। देश की गति भी तेज होती है। देश की जनता जो जवाब चाहती है, वो जवाब देने की सरकार की पूरी तैयारी है।’
प्रधानमंत्री ने सभी से कोरोना वैक्सीन लगवाने की अपील भी की। उन्होंने कहा, ‘मैं आशा करता हूं कि आप सब को वैक्सीन का एक डोज लग गया होगा, लेकिन मेरी आप सब से प्रार्थना है कि सदन में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने में सहयोग दें। ये वैक्सीन बाहु पर लगती है और जब वैक्सीन बाहु पर लगती है, तो आप बाहुबली बन जाते हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए बाहुबली बनने का यही तरीका है कि आपके बाहु पर वैक्सीन लगवा लीजिए।’


मोदी ने कहा कि अब तक 40 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बाहुबली बन चुके हैं। आगे भी यह काम तेजी से किया जा रहा है। यह ऐसी महामारी है जिसने पूरे विश्व और मानव जाति को अपनी चपेट में लिया है।
मोदी ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि सदन में महामारी समेत सभी मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो। सारे सुझाव भी सांसदों से मिलें, इससे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में नयापन आ सकता है। कुछ कमी रह गई हो, तो उन्हें ठीक किया जा सकता है।’ मैंने सभी फ्लोर लीडर्स से भी चर्चा की है कि अगर वे कल (मंगलवार) शाम को समय निकालें तो उनसे पेंडेमिक के बारे में चर्चा करना चाहता हूं। मैं लगातार अलग-अलग मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर रहा हूं। इसलिए सदन जब चल रहा है, तो इस पर बात करने में आसानी होगी।’
मॉनसून सेशन के लिए लोकसभा में 2 फाइनेंशियल बिल समेत कुल 23 बिल लिस्टेड हैं। इनमें से 6 बिल पिछले सेशन से पेंडिंग हैं, जबकि 17 नए बिल हैं। नए लाए जाने वाले 17 बिल्स में से 2 को अध्यादेश की जगह लाया गया है। इस तरह मॉनसून सेशन में नए बिल की संख्या 15 रहेगी। सत्र 13 अगस्त तक चलना है।कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी लोकसभा में किसान कानून के खिलाफ स्थगन का प्रस्ताव देंगे। सरकार की कोशिश है कि सेशन हंगामे की भेंट न चढ़े, क्योंकि विपक्ष किसान आंदोलन और कोरोना के बहाने सरकार को घेरने की तैयारी में है। रविवार को हुई ऑल पार्टी मीटिंग में मोदी ने कहा कि सरकार संसद में सार्थक चर्चा के लिए तैयार है।


नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने 22 जुलाई से संसद के बाहर प्रदर्शन की चेतावनी दी है। इस मसले पर उनकी दिल्ली पुलिस के साथ रविवार को बैठक हुई। इसके बाद किसान नेता दर्शन पाल ने बताया कि हमने पुलिस से कहा है कि 22 जुलाई को 200 लोग संसद जाएंगे और वहां किसान संसद चलाएंगे। हमने संसद के घेराव की बात कभी नहीं कही। उम्मीद है कि हमें अनुमति मिलेगी। वहीं अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि सभी पार्टियों ने कहा है कि किसान आंदोलन बड़ा मुद्दा है। इसे हल किया जाए। सदन तब चलेगा जब लोगों के मुद्दों को हल किया जाएगा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मानसून सत्र से पहले रविवार को लोकसभा में पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि सेशन कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक चलेगा। इस दौरान छोटी पार्टियों को भी भरपूर समय दिया जाएगा।


तृणमूल कांग्रेस ने हाल ही में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए पश्चिम बंगाल के एक सांसद को सोमवार को कथित तौर पर ‘‘बांग्लादेशी” बताया और इस बारे में सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की। इस मुद्दे पर हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। 
दो बार के स्थगन के बाद दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद के जिन सहयोगियों की सूची आज सदन के पटल पर रखी है ‘‘उनमें एक राज्यमंत्री कथित तौर पर बांग्लादेशी” हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक नोटिस दिया है। खड़गे ने कहा कि वह बांग्लादेशी हैं या नहीं, यह जानने को मुझे पूरा अधिकार है।


सदन में हंगामे को लेकर विपक्ष पर बरसे राजनाथ सिंह, कहा- 24 साल में मैंने पहले ऐसा कभी नहीं देखा।
सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने इसका कड़ा विरोध किया। सदन के नेता पीयूष गोयल ने विपक्षी सदस्यों के आरोपों को ‘‘बेबुनियाद” करार दिया और इसमें सच्चाई नहीं होने का दावा करते हुए उपसभापति हरिवंश से इसे सदन की कार्यवाही से बाहर निकालने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की बेबुनियाद बातें सदन में रखने की कोशिश की जा रही है, उसकी हम घोर निंदा करते हैं। इसमें सत्यता नहीं है।’ उन्होंने विपक्षी सदस्यों पर समाज के एक वर्ग विशेष को अपमानित करने का आरोप लगाया और उपसभापति से विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए विषय को कार्यवाही में शामिल नहीं करने का अनुरोध किया। इसके जवाब में हरिवंश ने कहा, ‘‘इसका परीक्षण किया जाएगा।

रिपोर्ट – आर डी अवस्थी

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