नरेंद्र मोदी की जीवन यात्रा: कैसे बने चाय बेचने वाले मोदी भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री!

आधुनिक भारत के सबसे लोकप्रिय नेताओं में शामिल नरेंद्र मोदी भारत के सबसे शक्तिशाली प्रधानमंत्री भी माने जाते हैं आइए अपने प्रधानमंत्री के बारे में कुछ खास और रोचक बातों को समझते हैं।

नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व और परिश्रम का लोहा उनके विरोधी भी मानते हैं राजनीत में उनका करिश्मा कुछ ऐसा रहा कि पहली बार जब वह विधायक हुए तो सीधे मुख्यमंत्री बने और पहली बार जब सांसद हुए तो सीधे प्रधानमंत्री बने ।

भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में 2014 और 2019 में उनके ही नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत मिला माना जाता है कि जातियों में बटी हुई दिग्भ्रमित दिशाहीन हिंदू आबादी को संगठित करने का श्रेय ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाले स्वाभिमानी हिंदू नेता नरेंद्र मोदी को जाता है।

17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में जन्मे नरेंद्र दामोदरदास मोदी के पिता का नाम दामोदरदास मूलचंद मोदी था और उनकी माता का नाम हीराबेन दामोदरदास मोदी था।

आठ 10 साल की उम्र में ही नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रवादी भावना से प्रभावित थे प्रारंभिक शिक्षा के बाद ही वह अपने परिवार से दूर होकर सामाजिक और आध्यात्मिक जीवन की ओर बढ़े संत महात्माओं के साथ उन्होंने देश की धार्मिक और आध्यात्मिक संस्कृति का ज्ञान प्राप्त किया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े नेताओं के भी सानिध्य में रहे।

उनके पिता वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान चलाते थे, नरेंद्र मोदी और उनके भाई भी चाय की दुकान पर काम करते थे बाद में उन्होंने अपनी भी चाय की दुकान खोली और यात्रियों को चाय पिलाते थे 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में नरेंद्र नरेंद्र मोदी ने सैनिकों को भी चाय पिलाई।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी से जुड़ कर नरेंद्र मोदी राजनीति में आगे बढ़ते गए साल 2001 में उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला और उसके बाद पिछड़े वर्ग से आने वाले होनहार युवा ने दिखा दिया कि हिम्मत मेहनत और देशभक्ति के रास्ते पर चलकर किसी भी बड़े लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में गोधरा रेलवे स्टेशन पर दिल दहला देने वाला कांड हो गया ,कहा जाता है कि मुस्लिम उपद्रवियों के द्वारा 59 हिंदू तीर्थ यात्रियों को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन पर पथराव करने के बाद बोगी को लॉक करके ट्रेन के अंदर ही में जिंदा जला दिया गया।

प्रतिक्रिया स्वरूप हिंदू संगठन भड़क गए और गुजरात के अलग-अलग इलाकों में होने वाले भयंकर हिंदू मुस्लिम दंगा के लिए काफी आलोचना भी सहनी पड़ी। गोधरा कांड के बाद हुए दंगों में लगभग 12 सौ लोग मारे गए मुस्लिम राजनीति करने वाले कुछ लोगों ने नरेंद्र मोदी पर राज्य की मशीनरी को शिथिल करके सुनियोजित रूप से मुसलमानों के नरसंहार कराने का आरोप लगाया। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई को हस्तक्षेप करना पड़ा उन्हें नरेंद्र मोदी को राजधर्म निभाने की शिक्षा देनी पड़ी।

लगातार तीन बार गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी को 2014 में देश के 14वें प्रधानमंत्री बनने का मौका भी मिला 2019 में उनके ही नेतृत्व में बीजेपी ने फिर से चुनाव जीता आज पूरी दुनिया में नरेंद्र मोदी को भारत के सबसे लोकप्रिय और ताकतवर प्रधानमंत्री के रूप में माना जाता है। पूरे दुनिया का बड़ा नेता माना जाता है और उनके कार्यकाल में दुनिया के ताकतवर देशों में भारत का प्रभाव बढ़ा है।

मोदी के विरोधी जहां देश को आर्थिक मंदी और हिंदू मुस्लिम राजनीति में विभाजित करने का आरोपी मानते हैं वहीं दूसरी ओर देश में ज्यादातर लोग उन्हें एक ईमानदार अनुशासित और देशभक्त नेता मानते हैं।

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जहां भारत तेजी से एक बड़ी सैनिक शक्ति के रूप में खड़ा हो रहा है वैश्विक अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है वहीं देश की बड़ी आबादी को आर्थिक मंदी से उबारने और रोजगार उपलब्ध कराने की चुनौती भी उनकी सरकार के सामने खड़ी है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अफगानिस्तान में हुए घटनाक्रम ने स्पष्ट कर दिया है कि चीन पाकिस्तान का गठजोड़ भारत को कई दिशाओं से सुरक्षा चुनौतियां देने की कोशिश में है और देश के अंदर सामाजिक एकता और अनुशासन को बनाए रखना भी अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों को जवाब देने के लिए जरूरी है।

फिलहाल वर्तमान में दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बनने की ओर बढ़ रहे भारत में नरेंद्र मोदी के टक्कर का कोई दूसरा नेता ना तो भारतीय जनता पार्टी में दिखाई पड़ रहा है और ना ही विपक्षी दलों में।

द इंडियन ओपिनियन

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