नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के बने प्रदेशाध्यक्ष, साथ ही चार वर्किंग प्रसीडेंट बने।

पंजाब :पंजाब कांग्रेस में सिद्धू-कैप्टन को लेकर घमासान में अब पार्टी के अन्य विधायक भी कूद गए हैं। इसी के मद्देनजर कांग्रेस के 10 विधायकों ने रविवार को बयान जारी कर नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से माफी मांगने को कहा है। उन्होंने कहा कि कैप्टन के पंजाब कांग्रेस में योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सिद्धू के ट्वीट और इंटरव्यू में लगाए आरोपों से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है। इस बीच मौजूदा प्रधान सुनील जाखड़ ने सोमवार को चंडीगढ़ में जिला प्रधानों और विधायकों की अहम बैठक बुलाई है।
कैप्टन के समर्थन में आए विधायकों में हरमिंदर सिंह गिल, फतेहजंग सिंह बाजवा, गुरप्रीत सिंह जीपी, कुलदीप वैद, बलविंदर लाडी, संतोख सिंह भलाईपुर, जोगिंदरपाल भोआ के साथ AAP छोड़कर कांग्रेस में आए सुखपाल सिंह खैहरा, पिरमल सिंह खालसा, जगदेव सिंह कमालू शामिल हैं।


विधायकों का कहना है कि पंजाब में कांग्रेस के झगड़े से पार्टी का ग्राफ गिरा है। 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार यानी आतंकवाद के दौर के बाद कैप्टन की वजह से ही कांग्रेस यहां सरकार बना सकी थी। पंजाब के हित के लिए ही कैप्टन ने सांसद और मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। विधायक सुखपाल खैहरा ने कहा कि कांग्रेस में चल रहा झगड़ा खत्म होना चाहिए। कैप्टन बड़े नेता हैं और उनकी भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता। हम सिद्धू के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सरेआम पार्टी पर आरोप लगाना ठीक नहीं है। इससे पार्टी को नुकसान हुआ है। प्रधान कोई भी बने हमें मंजूर है, लेकिन यह माहौल खत्म होना चाहिए।
इस बीच कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा ने नवजोत सिंह सिद्धू का सपोर्ट किया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह बाजवा की पंजाब सरकार और कैप्टन के खिलाफ की गई बयानबाजी और हाईकमान को लिखी चिट्ठियों को भुला दिया गया, उसी तरह सिद्धू के ट्वीट को भी भूल जाना चाहिए।उन्होंने पूरे मामले में सांसद प्रताप सिंह बाजवा की भूमिका और पंजाब में कांग्रेस प्रधान की नियुक्ति को लेकर पैदा हुई स्थिति पर दिल्ली अपने घर में बैठक करने पर भी सवाल खड़े किए। बता दें कि इस मामले में कैप्टन लगातार सिद्धू से माफी मंगवाने की मांग पर अड़े हुए हैं।


इसी बीच सुनील जाखड़ ने चंडीगढ़ में जो बैठक बुलाई है, उसमें पंजाब कांग्रेस का झगड़ा जल्द सुलझाने की कोशिश की जाएगी। पूरी पंजाब कांग्रेस की तरफ से प्रस्ताव पास कर हाईकमान को पंजाब के बारे में फैसला लेने को कहा जाएगा। पंजाब में इस वक्त असमंजस के हालात हैं, क्योंकि बिना औपचारिक ऐलान के सिद्धू मंत्रियों-विधायकों से मिल रहे हैं।
वहीं, कैप्टन भी सिद्धू की माफी पर अड़े हुए हैं। इस वजह से कांग्रेस में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि आखिर कांग्रेस को लौड कौन करेगा? इस वजह से पंजाब कांग्रेस मांग करेगी कि जल्दी प्रधान की घोषणा की जाए, ताकि पार्टी जमीनी स्तर पर अगले चुनाव के लिए काम शुरू कर सके।
वहीं, पंजाब से कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने दिल्ली में अपने आवास पर राज्य के सभी कांग्रेस सांसदों की मीटिंग बुलाई। इस दौरान किसानों के मुद्दे पर रणनीति बनाने और प्रदेश कांग्रेस से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।मीटिंग के बाद बाजवा ने कहा कि वह पंजाब में किसी पद की दौड़ में नहीं है। यह बात इसलिए अहम है क्योंकि सांसद रवनीत बिट्टू, मनीष तिवारी और गुरजीत औजला ने बाजवा को ही प्रधान बनाने का सांकेतिक समर्थन किया था। कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात पर बाजवा ने कहा कि कुछ मतभेद अब दूर हो गए हैं।

रिपोर्ट – आर डी अवस्थी

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