पीएम मोदी ने गुरुवार को फार्मास्युटिकल सेक्टर की पहली ग्लोबल इनोवेशन समिट का उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री ने आज अपने सम्बोधन में कहा कि कोरोना महामारी के दौरान फार्मास्युटिकल सेक्टर को तेजी से सबकी नजर में ला दिया है। चाहे वह लाइफ स्टाइल हो, या दवाएं, या मेडिकल टेक्नोलॉजी, या वैक्सीन, हेल्थकेयर के हर पहलू ने पिछले 2 साल में पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है।
उन्होंने दुनिया भर की फार्मास्युटिकल कंपनियों को भारत में आने का न्योता देते हुए आइडिया इन इंडिया, इनोवेट इन इंडिया, मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड की अपील की। मोदी ने कहा कि हमारे पास इनोवेशन और इंडस्ट्री के लिए जरूरी टैलेंट, रिसोर्स और ईकोसिस्टम मौजूद है। इसलिए अपनी असली ताकत की खोज करें और दुनिया की सेवा करें।


हेल्थकेयर सेक्टर ने देश को दुनिया की फार्मेसी बनाया। उन्होंने कहा कि हमारा विजन ऐसा ईकोसिस्टम बनाना है जो भारत को दवाओं की खोज और मेडिकल डिवाइस के इनोवेशन का लीडर बनाएगा। हम रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पर इंडस्ट्री की मांगों के प्रति संवेदनशील हैं और इस दिशा में काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की फार्मा इंडस्ट्री भी चुनौती के लिए तैयार है। हमारे हेल्थकेयर सेक्टर ने जो दुनिया भर में भरोसा कायम किया है, उसी की वजह से भारत को दुनिया की फार्मेसी कहा जाता है। किफायती कीमतों पर हाई क्वालिटी और क्वांटिटी के मेल ने दुनिया भर का ध्यान भारतीय फार्मा सेक्टर पर गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की फार्मा इंडस्ट्री हर चुनौती के लिए तैयार है। देश में साइंटिस्ट और टेक्नोलॉजिस्ट का बड़ा पूल है, जिसमें इंडस्ट्री को और ज्यादा ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता है। इस ताकत को ‘डिस्कवर एंड मेक इन इंडिया’ के लिए इस्तेमाल करने की जरूरत है।
लगभग 30 लाख लोगों को रोजगार और 13 बिलियन डॉलर के ट्रेड सरप्लस के साथ, फार्मा सेक्टर भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ का ‘की ड्राइवर’ है। 2014 के बाद से इस सेक्टर ने 12 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया है।स्वास्थ्य की हमारी परिभाषा भौतिक सीमाओं तक सीमित नहीं है। हम पूरी मानव जाति की भलाई में विश्वास करते हैं। हमने इस भावना को पूरी दुनिया को कोरोना के दौरान दिखाया है।हमने महामारी के शुरुआती दौर में 150 से ज्यादा देशों को दवाएं और मेडिकल इक्विपमेंट भेजे।हमने इस साल लगभग 100 देशों को कोरोना वैक्सीन 65 मिलियन से ज्यादा डोज निर्यात किए हैं
आने वाले महीनों में जैसे-जैसे हम अपनी वैक्सीन प्रोडक्शन बढ़ाएंगे।

रिपोर्ट आर डी अवस्थी

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