
जुलाई मध्य से भारत सरकार दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू कर देगी जिसके तहत प्रतिदिन दिन देश में एक करोड़ यानी 10 मिलियन भारतवासियों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
प्रधानमंत्री हर रोज ले रहे हैं वैक्सीनेशन में प्रगति की जानकारी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी संबंधित विभागों को इसके लिए आवश्यक तैयारियों को समय से पहले पूरा करने के निर्देश दिए हैं इसके साथ ही वैक्सीन उत्पादन के लिए भारतीय कंपनियों भारत बायोटेक और सीरम इंस्टिट्यूट के साथ-साथ विदेशी कंपनियों को दी जरूरी आदेश कर दिए गए हैं ।

दूसरी लहर में लापरवाही से नाराज हैं प्रधानमंत्री।
देश में करोना की दूसरी लहर में बदइंतजामी को लेकर को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर तमाम आरोप लगाए थे और वैक्सीनेशन कार्यक्रम में भी लापरवाही का आरोप लगाया गया सुप्रीम कोर्ट ने भी को वैक्सीनेशन को लेकर स्पष्ट नीति लागू करने के निर्देश दिए। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वास्थ्य विभाग के परफॉर्मेंस को लेकर नाराज हैं और उन्होंने बैठक में यह स्पष्ट कर दिया है कि कोरोना नियंत्रण और वैक्सीनेशन को लेकर कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी इस विषय को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लिया जा रहा है । जुलाई मध्य से भारत में दुनिया का सबसे बड़ा अभियान शुरू किया जाएगा जिसके तहत प्रतिदिन एक करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाया जाएगा।
हजारों की संख्या में खोले जाएंगे नए वैक्सीनेशन सेंटर।

इसके लिए बड़े स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं हजारों की संख्या में नए वैक्सीनेशन सेंटर सक्रिय किए जाएंगे जहां सभी आवश्यक सुविधाएं होंगी। सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में संविदा कर्मियों को भी आउटसोर्सिंग के जरिए इस काम में लगाया जाएगा ।
भारत बायोटेक सिरम इंस्टीट्यूट स्पूतनिक मॉडर्ना और फाइजर को दिए जा रहे हैं बड़े ऑर्डर।

वही इसके लिए कोवैक्सीन और कोविशील्ड को 25 करोड़ डोज़ जुलाई तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं और कंपनियां अपनी निर्माण क्षमता में भी वृद्धि कर रही हैं जिससे वह प्रतिदिन एक करोड़ वैक्सीन का निर्माण कर सकें, वही स्पूतनिक समेत फाइजर और मॉडर्ना जैसी विदेशी कंपनियों की वैक्सीन भी भारी मात्रा में इंपोर्ट जाएगी ।
दिसंबर के पहले 18 वर्ष से ऊपर सभी नागरिकों को वैक्सीनेट करने का है निश्चय।

दिसंबर तक 18 वर्ष से ऊपर तक की संपूर्ण जनसंख्या को वैक्सीन की आवश्यक खुराक उपलब्ध करा दी जाए इस बात का स्पष्ट निर्णय केंद्र सरकार के द्वारा लिया गया है। मोदी सरकार के इस महा अभियान पर लगभग 80000 करोड रुपए खर्च होने का अनुमान है।
द इंडियन ओपिनियन नई दिल्ली