बलरामपुर : कोरोना में सुहानी ने मोबाइल की मदद से की पढ़ाई, पीएम मोदी ने उसकी पीठ थपथपाई

डिजिटल इंडिया के 6 साल पूरे होने पर आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलरामपुर जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाली कक्षा पांच की छात्रा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। सुहानी से जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बात कर रहे थे। तब सुहानी की टीचर और प्राथमिक विद्यालय धुसाह की प्रधानाध्यापक प्रतिमा सिंह भी मौजूद रही। इस दौरान प्रधानमंत्री ने दीक्षा एप के बारे में चर्चा की, उन्होंने कोरोना काल के दौरान पढ़ाई-लिखाई में आने वाली दिक्कतों और उसके उपायों के बारे में सुहानी साहू से बातचीत की।

क्या करता है सुहानी का परिवार :-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आज सीधा संवाद करने वाली सुहानी जिले के मोहल्ला पहलवारा की रहने वाली हैं। उनके पिता फल का ठेला लगाते हैं और उसी से परिवार का गुजर बसर होता है। सुहानी के परिवार में उसकी माँ मन्ना देवी, पिता लाल मन साहू, उसकी बड़ी बहन नीलाक्षि, जो कक्षा 10 की छात्रा है, संजीवनी साहू, जो कि कक्षा 4 की छात्रा है व नैंसी कक्षा 1 की छात्रा है।

सुहानी बोली बहुत अच्छा लगा पीएम से बात करके :-

सुहानी ने हमसे बात करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री के सामने जब वो बात करने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग पर थी तो उन्हें बहुत अच्छा लग रहा था और वो थोड़ी नर्वस भी थी। क्योकि पहली बार वो किसी मंत्री के साथ बैठी हुई थी।

दीक्षा एप ने की पढ़ाई में मदद :-

सुहानी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे दीक्षा एप के बारे में बात की। साथ ही मोबाइल होने व न होने का सवाल भी किया और यह भी पूछा कि आप दोस्तो से बात कर पाती है या नही।

लॉकडाउन में मददगार साबित हुआ मोबाइल :-

सुहानी ने बताया जब लॉकडाउन लगा तो पढ़ाई बाधित होने लगी थी जिसके बाद उनके पिता ने पैसों का इंतजाम कर मोबाइल खरीदकर सुहानी को दिया, जिससे आज उनकी चारों बहनें उसी मोबाइल से अब पढ़ाई करती हैं।

बेटियों को पढ़ाने की है तम्मन्ना :-

वहीं, सुहानी की मां मन्ना देवी ने हमसे बात करते हुए कहा कि वह अनपढ़ हैं। लेकिन उनकी तमन्ना है कि उनकी बेटियां पढ़ लिख कर आगे बढ़े। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम नेताओं से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि उन्हें मदद दी जाए। जिससे वह अपनी बेटियों को सही ढंग से पढ़ा सकें और बेटियां अच्छे मुकाम को हासिल कर सकें।

कुछ इस तरह है होता है परिवार का गुजारा :-

सुहानी की मां कहती हैं की मुझे सिर्फ बेटियां ही है लेकिन तब भी मेरा सिर गर्व से ऊंचा है। घर का खर्च चलाने के लिए सुहानी के पिता फल का ठेला लगाते हैं और कुछ जरूरत के लिए हम लोग कागज की थैलियां बनाकर बेचते हैं, जिससे कुछ पैसे और आ जाते हैं।

बेटों की तरह पाल रहे हैं बेटियां :-

उन्होंने यह भी बताया कि आस पड़ोस में वह लोगों के घरों में छोटा मोटा काम करके भी कुछ पैसे कमा लेती हैं जिससे घर का गुजारा हो जाता है। उन्होंने कहा कि इन बेटियों को हम बेटी की तरह नहीं है। बेटों की तरह पढ़ा रहे हैं।

क्या बोलीं पीएस धुसाह की प्रधानाध्यापिका :-

प्राथमिक विद्यालय धुसाह की प्रधानाध्यापिका प्रतिमा सिंह भी आज नरेंद्र मोदी के सीधे संवाद के दौरान सुहानी के साथ मौजूद थी। उन्होंने हमसे बात करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने सुहानी से दीक्षा एप के बारे में पूछा था कि उससे आप कैसे पढ़ाई कर पा रही हैं। दरअसल, यह परिवार बेहद गरीब तबके का है और महंगे लर्निंग एप का इस्तेमाल नहीं कर सकता। इस परिवार ने पढ़ाई के लिए मोबाइल ही और डाटा किसी तरह जुटाया है। यह दीक्षा एप का ही असर है कि एक, दो साल से लॉक डाउन होने के बावजूद भी सुहानी पढ़ाई में इतनी आगे है और दीक्षा एप के इस्तेमाल से उसकी पढ़ाई रुकी नहीं और लगातार जारी रही।

यह है डिजिटल इंडिया का इतिहास :-

हम आपको बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज डिजिटल इंडिया के 6 वर्ष पूरे होने पर डिजिटल भारत के कारण जिन लोगों के जिंदगी में मूल चूल परिवर्तन आया, उनसे बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने देश के तमाम तब को रहने वाले आम लोगों से बातचीत की और उन पर डिजिटल इंडिया के कारण क्या प्रभाव पड़ा। इसे जानने की कोशिश की। डिजिटल इंडिया मिशन की शुरुआत आज के ही दिन साल 2015 में दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई थी।

रिपोर्ट – योगेंद्र विश्वनाथ, बलरामपुर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *