बलरामपुर :- ब्राह्मणों को अपना जागीर समझने वाली बीजेपी ने खूब किया उनका शोषण : अभिषेक मिश्र

उत्तर प्रदेश में चुनाव की घड़ी आते ही तमाम राजनीतिक दल अपना हित साधने में लगे हुए हैं। बुद्धिजीवी वर्ग और प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलनों के जरिए, तमाम सवर्ण समाज के लोगों को राजनीतिक दल अपने पाले में रहना चाहते हैं। लगभग सभी राजनीतिक दल इस बाबत खासी तैयारी में जुटे हुए हैं। बलरामपुर में समाजवादी पार्टी ने बुद्धिजीवी सम्मेलन का आयोजन किया। इसमें शिरकत करने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी व पूर्व कैबिनेट मंत्री अभिषेक मिश्रा ने कहा है कि सरकार के खिलाफ उत्तर प्रदेश का किसान है, पूरे देश का किसान है। किसान विरोधी बिल को बीजेपी की सरकार अपने अहंकार और कार्पोरेट दोस्तों की मदद करने के लिए वापस नहीं लेती है तो प्रदेश में समाजवादी सरकार बनते ही जो भी नया कानून बनाना पड़े, उस नये कानून को बनाएंगें और उनके हक की लड़ाई लड़ेंगें।

महराजगंज तराई बाजार में आयोजित सम्मेलन में पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बसपा से उनका कोई काॅम्पटीशन नहीं है, ब्राह्मण अब बसपा के साथ जाने को तैयार नहीं है। बसपा को आज 2006 के बाद 15 साल बाद याद आ रहा है कि ब्राम्हण और प्रबुद्ध क्या होता है, उनको दूर से ही नमस्कार।

बीजेपी के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन पर निशाना साधते हुए अभिषेक मिश्रा ने कहा कि योगी जी को आज प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन करने की जरूरत पड़ रही है, जो उन्होंने पूरे जीवन में नहीं किया। ये पहली बार है कि भाजपा प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन कर रही है।

उन्होने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आज उन्हें जरूरत पड़ रही है, तो ताकत अभिषेक मिश्रा की नहीं उस मुद्दे की है। जिसने सभी पार्टियों को प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन करने पर मजबूर कर दिया। आज सभी इस वर्ग को अपने पाले में लाने के लिए परेशान हैं।

पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ब्राह्मण यदि नाराज है, जो उन्हे फीडबैक मिल रहा है, आरएसएस के माध्यम से, उनके विधायक व सांसदों के माध्यम से, जनता इतनी नाराज है। सांसदों और विधायकों से कि उनके गांव, घर व क्षेत्र में घुसने नहीं दे रहे हैं। आप तमाम जगहों ओर उदाहरण देख चुके हैं।

उन्होने कहा कि आप आँकड़ें उठाकर देख लीजिए समाजवादी सरकार के आँकड़ें इस सरकार से बेहतर मिलेंगें। सम्मेलन में सुल्तानपुर की लभुआ सीट से विधायक रहे संतोष पाण्डेय, व कई पूर्व विधायक भी मौजूद रहे।

रिपोर्ट – योगेंद्र त्रिपाठी, बलरामपुर

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