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बलरामपुर :- महराजगंज तराई इलाकें में खरझार नाले का तांडव, दो दर्जन गांव हुए जलमग्न।

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में पिछले 3 दिनों से हो रही बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त है। कई पहाड़ी नाले और राप्ती का तांडव जिले के तमाम इलाकों के लोगों पर कहर बरपा रहा है। कई इलाके बाढ़ ग्रस्त है। बड़े पैमाने पर लोगों के घरों में पानी घुसा हुआ है। लोग अपने छतों पर रहने को मजबूर है। जिले के महराजगंज तराई थाने का इलाका भी बाढ़ के कारण प्रभावित है। यहां पर जिले को जोड़ने वाले कई मुख्य मार्गों पर पानी का तेज बहाव चल रहा है। खरझार नाले पर बनाए गए बांध में दरार आ जाने के कारण कई गांवों में पानी घुस गया है।

वहीं, खरझार नाले का पश्चिम के इलाकों पर भी यह कहर बरपा रहा है। इस तरफ बांध ना होने कारण लोगो का जीवन प्रभावित है। तिवारीडीह, बनकटवा, साहेबनगर लोहेपनिया, रामगढ़ मैटहवा, शांति नगर, लेबुडडी, बनकटवा, लहेरी, विजयीडीह, जगराम पुरवा, सुखदेव पुरवा, सुगा नगर, बरगदही, साखीरेत औरहिया, कनहरा, दादव सहित तकरीबन 2 दर्जन गांव है जो प्रभावित हैं।

ग्रामीणों बताया कि अभी तक शासन स्तर से बाढ़ पीड़ितों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। चारों तरफ जलभराव और बाढ़ की समस्या है। खरझार नाले पर एक ही तरफ बांध बनाए जाने के कारण चारों तरफ पानी भरा हुआ है। फसलें पूरी तरह से डूब चुकी हैं। घरों में पानी भर जाने के कारण हम छतों पर रहने के लिए मजबूर हैं, जिनके पास पक्के मकान नहीं हैं। वह किसी दूसरे के छत पर आश्रय लेकर अपना जीवन बिता रहे हैं। वही गांव में कई लोगों के आवास भी अब कट चुके हैं। उनके पास जीने, खाने और रहने का कोई संसाधन नहीं बचा है।

ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि खारघर नाले के दोनों तरफ एक लंबा बांध बनाया जाए, जिससे परेशानी कम हो सके। वहीं, शासन द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही मदद में भी तेजी लाई जाए, जिससे बाढ़ के कारण उत्पन्न हुई स्थितियों से ग्रामीण उबर सकें।

पीड़ितों से मिलने कनहरा गांव पहुंची बसपा नेत्री जेबा रिजवान ने आरोप लगाया की समस्याएं जस की तस वहीं खड़ी हुई है। जबकि कई सरकारें आई और कई गई। किसी ने समस्या को खत्म करने की तरफ ध्यान नहीं दिया। यह इलाका बाढ़ के कारण पिछले कई दशकों से पीड़ित है और आज भी पीड़ित ही है। यहां के लोगों की फसलें, खेत, घर सब कुछ कट रहा है। लेकिन जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश शासन द्वारा कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं करवाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि हम जिला प्रशासन और योगी सरकार से मांग करते हैं कि पीड़ितों को उनके नुकसान के अनुसार 10-10, 15-15 हज़ार का मुआवजा उपलब्ध करवाया जाए, जिससे वह अपने सामान्य जीवन में फिर से वापस लौट सकें। इसके साथ ही इलाके के विकास के लिए एक खाका तैयार किया जाए, जिससे बार-बार बाढ़ की त्रासदी यहां के बाशिंदों को न झेलनी पड़े।

वहीं, तुलसीपुर के उपजिला अधिकारी विनोद सिंह ने बताया है कि मौके पर लेखपाल को भेजकर जांच कार्रवाई की जा रही हैं। उनसे रिपोर्ट मंगवाया गया है। लोगों का जो भी नुकसान हुआ है, शासन के नियमानुसार उन्हें मुआवजा वितरित किया जाएगा। इसके साथ ही लोगों को खाने, पीने की समस्या ना हो इसलिए आपदा कोष के जरिए खाद्य पदार्थों की व्यवस्था करवाई जा रही है। बाढ़ चौकियां पूरी तरह से सक्रिय हैं और लगातार लोगों की मदद कर रही हैं।

रिपोर्ट – योगेंद्र त्रिपाठी,

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