
पर्यावरणवरण प्रहरी ने लिया अम्बेडकर पार्क को गोद
बाराबंकी: शुक्रवार को पर्यावरण पहरी टीम द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । उक्त अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डीएफओ डॉ एनके सिंह, विशिष्ठ अतिथि टीआरसी महाविद्यालय के प्रबंधक डॉ सुजीत चतुर्वेदी जी व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ विनयदास, राजीव मेमोरियल आदर्श विद्यालय के प्रबंधक डीके शुक्ल, एबीवीपी राष्ट्रीय कला मंच के प्रांत सह संयोजक युवा कवि सीताकान्त स्वयम्भू द्वारा हरख ब्लाक के सरायं प्रसंडा गाँव स्थित अम्बेडकर पार्क में वृहद स्तर पर औषधीय व छायादार पीपल , बरगद , पाकड़, नीम , आंवला , कटहल , तुलसी आदि के विभिन्न प्रकार के पौधे रोपे गए ।

इसके पश्चात ग्राम दियानत नगर में स्थित मिथलेश वाटिका में विचार संगोष्टी का आयोजन किया गया ।प्रधानाचार्य कन्हैयालाल मिश्र द्वारा मुख्य अतिथि डीएफओ डॉ एनके सिंह का माल्यार्पण व अंगवस्त्र भेंट कर स्वागत किया गया । युवा समाजसेवी सीताकान्त स्वयम्भू ने सभी अतिथियों को एक एक तुलसी का पौधा भेंट कर अभिनन्दन किया ।
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि डीएफओ ने बताया इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम इकोसिस्टम रेस्टोरेशन यानी कि पारिस्थितिकी तंत्र बहाली है । इकोसिस्टम रेस्टोरेशन के तहत पेड़ लगाकर या पर्यावरण की रक्षा कर प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करना और इकोसिस्टम पर बढ़ते दबाव को कम करना है । वस्तुतः इस वैश्विक महामारी ने हमें प्रकृति के समीप लाकर, पेड़ पौधों के संरक्षण हेतु आगाह किया है ।
विशिष्ठ अतिथि सुजीत चतुर्वेदी ने बताया कि आज समाज को ऐसे पर्यावरण संरक्षण अभियान बहुत आवश्यकता है । हमारे यहाँ हमेशा से अधिक ऑक्सीजन देने वाले आम, पीपल, बरगद, तुलसी के पौधों की पूजा की जाती रही है और उन्हें न काटने का विधान है, उसके पीछे यही वैज्ञानिक कारण रहा है ।

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ विनयदास ने बताया हमारे पूर्वज बड़े समझदार थे, उन्होंने जो वृक्ष लगाए आज हम उनका दोहन कर रहे हैं , यदि अब भी नही चेते तो कुछ वर्षों में ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर घूमना पड़ेगा ।
पर्यावरण प्रहरी टीम के प्रमुख डीके शुक्ल ने बताया पेड़ पौधों की हरियाली देख मुझमें नवीन चेतना का संचार हो जाता है । जो मुझे निरन्तर कार्य करने के लिए प्रेरित करती है । आगे शुक्ल ने बताया, अम्बेडकर पार्क को हमारी टीम गोद लेकर विगत दिनों एक आदर्श पार्क के रूप में विकसित करेगी ।
कार्यक्रम के संयोजक सीताकान्त स्वयम्भू ने बताया प्राकृतिक आपदाओं से बचने व पर्यावरण को शुद्ध बनाने के लिए पेड़ों का होना बहुत जरूरी है। पेड़ प्रकृति का आधार हैं। पेड़ों के बिना प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इसीलिए हमारे पूर्वजों ने पेड़ों को पूरा महत्व दिया। पेड़ों की जड़, तना, पत्ते, लकड़ी, फूल, फल, छाया, छाल आदि सब चीजें बेहद गुणकारी औषधि के साथ-साथ मानव जीवन का अभिन्न अंग हैं।
उक्त अवसर पर डीएवी कॉलेज के प्रधानाचार्य घनश्याम मौर्य, हिमांशु मिश्र बन्टी, शिवाकांत मिश्र, पवन सिंह, राजनारायण मिश्र, नीरज सिंह, लीलेश यादव, ताहिर अब्बास आदि अनेकों लोग उपस्थित रहे।
रिपोर्ट- नितेश मिश्रा