
बाराबंकी। युवा कवि सीताकान्त मिश्र स्वयम्भू के संयोजन में विगत रात कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जो देर रात तक चला। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शरद अवस्थी विधायक रामनगर व विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत सदस्यता अलका मिश्रा , बजरंग दल के प्रांत सह संयोजक सुनील सिंह व प्रधानाध्यापक कन्हैयालाल मिश्र ने प्रथम विश्व युद्ध मे गांव के शहीदों की स्मृति में बने शहीद स्मारक पर 51 दीप प्रज्ज्वलित कर व पुष्पाजंलि कर कार्यक्रम का प्रारंभ किया ।
मुख्य अतिथि शरद अवस्थी विधायक रामनगर व मधु सिंह ने डायरी , शाल व कम्बल भेंट कर कवियों को सम्मानित किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ गीतकार सतीश श्याम जी ने की ।

देर रात तक चले इस विराट कवि सम्मेलन में विभिन्न विधाओं में माहिर कवियों ने अपनी अपनी प्रस्तुति प्रस्तुत की जिसे सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे और तालियों की गड़गड़ाहट से आसमान गूंज उठा। विराट कवि सम्मेलन में बड़े व्यंग कार अशोक जैन सिटी आज कवि राम किशोर तिवारी आज कवि जगदीश शुक्ल अंचल एवं अन्य तमाम कवि मौजूद रहे, जिन्होंने विभिन्न प्रस्तुतियां दी।

देश बड़े व्यंगकार अशोक झंझटी ने पढ़ा
“चल रही है शीत लहरी, शीत लहरी चल रही
क्या कहें हम रात को हमको दुपहरी खल रही”
जानते हो बुझ गये कैसे शहर के सब अलाव
खा गये नब्बे कमीशन, दस की लकड़ी जल रही
फुटपाथ पर बूढ़े भिखारी मर रहे हैं ठंड से
रहनुमाओं के यहां कुतिया विदेशी पल रही
ओज के प्रतिष्ठित कवि रामकिशोर तिवारी किशोर जी ने पढ़ा
जो काल व्याल के फन पर भी कान्हा बनकर के नाचा था
जिसने उस ब्रिटिश हुकूमत के गालों पर जड़ा तमाचा था
उस भगतसिंह नर नाहर के चरणों में शीश झुकाता हूं
उस महा सूर्य की पूजा में छोटा सा दिया जलाता हूं
राष्ट्रवादी युवा कवि सीताकान्त मिश्र स्वयम्भू ने पढ़ा
बोलना गर बोलिए जयगान भारत
बन सपोले मुख मे विष क्यों धर रहे हो
जिस देश के तुम अन्न जल का पान करते
आज भारत बंद क्यों तुम कर रहे हो
गीतकार सतीश श्याम ने पढ़ा
संबंधों की नींव ढह गई ईंट ईंट नीलाम हो गई
प्यास बुझी ना इस जीवन के चलते चलते शाम हो गई
कवि योगेश चौहान जी ने पढ़ा
तन का तरंग और मन का उमंग देख, पर्वतों की चोटी माशा तोला बन जाएगा।
लिया अंगड़ाई मातु भारती ने एक भी तो, धरा तेरी मौत का खटोला बन जाएगा ।
देश की धरा पे खून गिर भी गया तो निज खिल के सुघर फूल भोला बन जाएगा।
सीमा पार गिरा बूंद रक्त का हमारा यदि, सर्वनाश करने वाला गोला बन जाएगा।
रायबरेली से आये गीतकार डॉ गोविन्द गजब ने पढ़ा
सब धर्मो का मान तिरंगा जिंदाबाद।
गीता और कुरान तिरंगा जिंदाबाद।
सब मिलकर बोलें भारत माता की जय।
सवा अरब की शान तिरंगा जिंदाबाद।

हास्य कवि प्रदीप महाजन ने पढ़ा
मौज करैं निरहू घुरहू अब दारुक संग उड़ै बिरयानी।
पंडित जी पुचकारत हैं चुचकारत दौरि करैं अगवानी।
ठाकुर साहब पान पुकार उड़ाय रहे रुपया जस पानी।
घूरन के दिन आवत हैं यहु हाल बताय रही परधानी।।
साहब नारायण ने पढ़ा
मुश्किलों में भी ये परिवार पाल सकते है ।
गम की बरसात में खुद को संभाल सकते है ।
उंगलियां यूँ ही उठाओ न तुम युवाओं पर,
वतन के नाम पे कलेजा निकाल सकते है ।
अविरल शुक्ल ने पढ़ा
निवारण अब समस्या का खुले ऐलान में होगा।
कलम सर भी अगर होगा तो वो भी शान में होगा
समर से पूर्व उनको ठोंकने दो खोखले दावे
बहादुर कौन कितना फैसला मैदान में होगा।
कार्यक्रम में मुख्यतः मधु सिंह
सुनीत अवस्थी , पवन सिंह , गुल्ली सिंह, राहुल , अनुराग, अनुपम , शिवाकान्त , सचिन , संजय, राज , अर्पित, नितिन, कन्हैया सिंह , रामसागर यादव, रामू यादव , जितेंद्र यादव आदि अनेको लोग उपस्थित रहे ।
रिपोर्ट- नितेश मिश्रा