बाढ़ के कारण देवीपाटन मंडल का बलरामपुर जिला सबसे ज़्यादा प्रभावित : सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल व नेपाल राष्ट्र में हुई भारी बरसात के कारण तकरीबन एक दर्ज़न से अधिक जिले बाढ़ की भीषण तबाही झेल रहे हैं। इन सभी जिले में बाढ़ और कटान के कारण पैदा हुई भीषण तबाही की स्थिति बनी हुई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा तेजी से राहत कार्य चल रहे हैं, लेकिन उसका कितना लाभ बाढ़ पीड़ितों को मिल रहा है। इसी का जायजा लेने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद जिलों के दो दिवसीय दौरे पर निकले हैं। 3 सितंबर को उन्होंने 3 जिलों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना और उन्हें उचित मदद का आश्वासन दिया।

अपने दो दिवसीय भ्रमण पर बलरामपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां उतरौला तहसील क्षेत्र में पालापुर बाढ़ राहत केंद्र पर प्रभावितों से मुलाकात की। उन्होंने यहां पर उनसे मुलाकात करने के साथ साथ राहत सामग्री भी वितरित की।

मुख्यमंत्री योगी ने पीड़ितों से मुलाकात के बाद कहा कि देवीपाटन मंडल में सबसे ज्यादा बाढ़ से प्रभावित बलरामपुर जिला हुआ है। जिसमें सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र उतरौला है। बलरामपुर में लगभग 60 राजस्व गांव राप्ती नदी व उसकी सहायक नदियों व नालों के कारण प्रभावित है, जिनमें लगभग 60 से 65 हजार की आबादी प्रभावित है। युद्ध स्तर पर राहत बचाव कार्यों हेतु जिला प्रशासन को पूर्व में निर्देशित किया गया है।

उन्होंने कहा कि जिन लोगों की खेती बर्बाद हुई या नदी में खेत गए हैं। उसका आंकलन करने का निर्देश राजस्व विभाग को दिया गया है। सबसे ज्यादा नुकसान खेती की हुई है। किसानों को मुआवजा देने के निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही बाढ़ के कारण जिन लोगों के घरों का कटान हुआ है। उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास देने का निर्देश दिया गया है। यदि कहीं पर किसी तरह की समस्या है और किसी की असमय मृत्यु हो जाती है तो उसे भी उचित मुआवजे का निर्देश जिला प्रशासन को मेरी ओर से काफी समय पहले ही दिया जा चुका है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जल शक्ति विभाग द्वारा नदियों को चैनेलाइज एवं ड्रेनेज कार्य से बाढ़ जैसी आपदा पर काफी हद तक नियंत्रित किया गया है। इससे पहले जहां भारी बारिश से पूरा बलरामपुर जलप्लावित हो जाता था। आज एक बड़ी आबादी को बचाने का कार्य किया गया है। राहत एवं बचाव के सभी सभी उपाय करने के साथ सरकार ने यह तय किया है कि बाढ़ एवं जलजमाव के कारण बहुत सारी संक्रमित बीमारियां के रोकथाम हेतु 5 सितंबर से 12 सितंबर तक विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि बीमारियों से रोकथाम के लिए हर जिले के लिए नोडल अधिकारी की तैनाती की जाएगी। जनप्रतिनिधियों की देखरेख में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, फागिंग आदि के लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इसमें स्वास्थ्य विभाग, नगरीय विकास विभाग, ग्राम्य विकास विभाग,पंचायती राज विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग इन सभी विभागों को जोड़ा गया है।

उन्होंने कहा कि अंतर विभागीय समन्वय के माध्यम से बाढ़ बचाव कार्य एवं राहत कार्यों को तेज करने के साथ ही बाढ़ के बाद जल जमाव एवं उसके कारण होने वाले तमाम प्रकार की बीमारियां से बचाव के लिए 5 सितंबर से 12 सितंबर तक 1 सप्ताह का व्यापक स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करते हुए जनपद के उतरौला तहसील क्षेत्र के पालापुर बाढ़ राहत केंद्र पर तकरीबन शुक्रवार शाम 05:20 बजे पहुचे थे।
बाढ़ प्रभावितों के समस्याओं से रूबरू होते हुए राहत सामग्री वितरित की।

बाढ़ राहत केंद्र से बाढ़ क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करते हुए मुख्यमंत्री शक्तिपीठ मंदिर देवीपाटन पहुंचे। यहां पहुंचने के दौरान शक्तिपीठ पर पूजन चल रहा था, जिस वजह से मुख्यमंत्री इस समय मां पाटेश्वरी देवी का दर्शन नहीं कर पाए।

रात्रि विश्राम के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगले दिन मां पाटेश्वरी के दर्शन पूजन कर शनिवार को सिद्धार्थनगर और महराजगंज जिले में बाढ़ क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण के लिए निकलेंगे।

रिपोर्ट – योगेंद्र त्रिपाठी, बलरामपुर

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