
कोविड -19 के संक्रमण की दूसरी लहर से लड़खड़ाते हुए जूझने के बाद अब भारत ने राहत की साँस लेनी भर शुरू की है और ब्रिटेन से एक बुरी खबर आ रही है।
ब्रिटिश सरकार को परामर्श दे रहे भारतीय मूल के एक मशहूर वैज्ञानिक ने इस बात के संकेत देते हुए चेतावनी दी है कि ब्रिटेन कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर के प्रारंभिक चरण में हैं ।
बीबीसी ने सोमवार को खबर दी कि सरकार के ‘न्यू एंड इमर्जिंग रेस्पिरेटरी वायरस थ्रेट एडवाइजरी ग्रुप (नर्वटैग) के सदस्य और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रवि गुप्ता ने कहा कि वैसे तो नये मामले अपेक्षाकृत कम हैं लेकिन कोविड-19 के बी.1.617 स्वरूप ने (संक्रमण के) ‘तेजी से बढ़ने ’ की आशंका को बल दिया है।
ब्रिटेन में रविवार को लगातार पांचवें दिन कोविड-19 के 3000 से अधिक नये मामले सामने आये थे। उससे पहले, ब्रिटेन ने 12 अप्रैल के बाद यह आंकड़ा पार नहीं किया है।

गुप्ता ने प्रधानमंत्री बोरिस से 21 जून से लॉकडाउन हटाने की योजना को कुछ हफ्ते के लिए स्थगित करने की अपील भी की है ।
देश में कोविड-19 के कुल मामले 4,499,939 तक पहुंच गये हैं और अब तक 1,28,043 मरीजों ने अपनी जान गंवायी है।
गुप्ता ने कहा कि ब्रिटेन पहले से तीसरी लहर की गिरफ्त में है और तीन चौथाई नये मामलों में कोरोना वायरस का वह स्वरूप मिला है जो भारत में सामने आया।
उन्होंने कहा, ‘‘ वाकई, फिलहाल मामले तो कम हैं लेकिन सभी लहरें कम आंकड़े से ही शुरू होती हैं, लेकिन बाद में वे विस्फोटक हो जाती हैं, इसलिए यह अहम तत्व है कि हमें यहां जो दिख रहा है वह शुरूआती लहर है। ’’
उन्होंने कहा कि लेकिन ब्रिटेन में जितने लोगों को टीका लगा है, उस हिसाब से शायद इस लहर को पिछली लहरों की तुलना में सशक्त रूप से सामने आने में वक्त लगेगा।
हम सब को आशा करनी चाहिए कि इस बार केन्द्र और राज्य सरकारें बेहतर तैयारी और तालमेल के साथ सम्भावित तीसरी लहर का सामना करने में सक्षम होंगी । हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ब्रिटेन के मुकाबले हम जनसंख्या के टीकाकरण की प्रगति में बहुत पीछे हैं ।
द इण्डियन ओपिनियन