अगर आपको पासपोर्ट बनवाने,उसका नवीनीकरण कराने या उससे सम्बंधित कोई भी कार्य है तो आपको ऑनलाइन फीस भर कर और अपॉइंटमेंट लेकर नियत तिथि और समय पर माँगे गए दस्तावेज़ों के साथ , विधान सभा मार्ग स्थित रतन स्क्वायर बिल्डिंग जाना होगा जहाँ भू तल पर पासपोर्ट सेवा केंद्र, लखनऊ स्थित है ।
आप जैसे ही इस कार्यलय के करीब पहुँचेंगे वहाँ खड़े कुछ दलाल आप से पूछेंगे कि पास्पोर्ट आफिस में आप को क्या काम है? और उनकी बताई कीमत अदा करने पर बिना किसी परेशानी के आपका कार्य कराने का आपको आश्वासन भी देंगे।
मैंने कुछ ज़ायज़ा लेने की गरज से एक दलाल से बात की। उसने पासपोर्ट नवीनीकरण के मुझसे साढ़े तीन हज़ार रुपये माँगे। मेरी दलाल से हुई बातचीत एक ऑडियो क्लिप में सुरक्षित है जिसमें वह खुले तौर पर अपॉइंटमेंट लेने से लेकर दस्तावेज़ों के सत्यापन से सम्बंधित समस्त कार्य कराने की ज़िम्मेदारी ले रहा है ।
मैं कुछ देर किसी का इंतजार करने के बहाने वहीं खड़ा हो गया। वहाँ खड़े दलाल बेखौफ हर आने वाले से बातचीत कर रहे थे । उनके हाव भाव से ऐसा लग रहा था कि उनकी इन गतिविधियों के लिए उन्हें पासपोर्ट सेवा केन्द्र के कर्मचारियों का संरक्षण प्राप्त है और उनको किसी का खौफ नहीं है। अगर कार्यलय चाहे तो दो चार सीसी टीवी कैमरों की मदद से इस तरह की गैर कानूनी गतिविधियाँ पर नज़र रख कर उन पर अंकुश लगाया जा सकता है ।
इसी बीच एक बुजूर्ग से बात होने लगी। वो बताने लगे कि वह अपने पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए आये थे।एक दस्तावेज उनके बैंक खाते की पास बुक थी।क्योंकि खाते में काफी समय से लेन देन नहीं हुआ था अतः कार्यलय कर्मचारी ने इस दस्तावेज़ को मानने से इनकार कर दिया। वह बाहर आये , दलाल के पूछने पर अपनी बात बताई और दलाली का भुगतान करने पर वही दस्तावेज़ मान्य हो गया ।
सरकार कितना भी जन सुविधाओं को डिजिटल प्लेटफार्म पर ले आये कर्मचारियों और दलालों की संलिप्तता इन लाभों को आम जनता तक नहीं पहुँचने देती । लोगों का आलस्य और खुद काम कराने में शर्म भी इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा देती है ।
अति आवश्यक है कि सम्बंधित अधिकारी इस दिशा में आवश्यक कदम उठा कर खुले आम चल रही इन दलालों की गतिविधियों पर अंकुश लगायें।
द इंडियन ओपिनियन
लखनऊ, विकास चंद्र अग्रवाल