मुलेठी के गुणों से सभी पुराने लोग वाकिफ हैं कुछ लोग इसे पान में भी इस्तेमाल करते हैं इसमें मिठास भी होती है और इसका तत्व गले के इन्फेक्शन में बहुत फायदेमंद होता है लेकिन लखनऊ स्थित केंद्रीय औषधि एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) के वैज्ञानिकों ने मुलेठी से डायबिटीज के लिए एक खास हर्बल दवा ईजाद की है।
सीमैप के वैज्ञानिकों का दावा है कि यह दवा फाइटोफार्मास्यूटिकल्स की श्रेणी में इजाद की गई है और काफी असरदार है फिलहाल संस्थान इस दवा की पेटेंट करवाने की प्रक्रिया में जुटा है संस्थान के निदेशक डॉ प्रमोद कुमार त्रिवेदी ने बताया कि इससे पहले सीमेप ने एनबीआरआई के साथ मिलकर डायबिटीज के लिए BGR-34 नाम की दवा बनाई थी जो कि बाजार में बहुत लोकप्रिय है और लाखों मरीजों के द्वारा उसके सफल परिणाम बताए गए हैं ।
लेकिन मुलेठी से बनने वाली दवा सीमैप के द्वारा अकेले ही विकसित की जा रही है उन्हें उम्मीद है कि क्लिनिकल ट्रायल के बाद जल्द ही यह दवा बाजार में उपलब्ध हो जाएगी और दवा की कीमत भी काफी कम होगी जिससे गरीब मरीजों को भी राहत मिलेगी ।
मुलेठी की जड़ में पाया जाने वाला तत्व anti-diabetic पाया गया है यह डायबिटीज की रोकथाम में प्रभावशाली है और इस पर हुए शोध को अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र फाइटोमेडिसिन में भी जगह मिली है इसके बाद फाइटोफार्मास्यूटिकल्स मिशन के तहत संस्थान को दवा बनाने की अनुमति मिली ।
प्रोजेक्ट के वैज्ञानिक डॉक्टर एन पी यादव के मुताबिक दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं है और दवा के प्रभावशाली परिणाम सामने आ रहे हैं। क्लीनिकल ट्रायल की प्रक्रिया चल रही है और जल्दी ही दवा को बाजार में उपलब्ध करवा दिया जाएगा।
द इंडियन ओपिनियन