
बाराबंकी को समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है क्योंकि यहां पर समाजवाद में विश्वास रखने वाले बड़े-बड़े नेता अपनी अहमियत से उत्तर प्रदेश की सरकार को बनाने का माद्दा रखते थे वही जनपद की कई प्रमुख सीटों पर समाजवादियों का कब्जा भी चला आ रहा है।

वही समाजवादियों के इस गढ़ में अब भाजपा ने सेंधमारी करके अपने गढ़ को मजबूत कर लिया है जहां पंचायत चुनाव में भाजपा और सपा दोनों के पास बहुमत नहीं था और ऐसा लग रहा था कि आने वाला चुनाव काफी रोचक होगा लेकिन भाजपा की रणनीति के आगे सपा फेल नजर आई और भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी अपने नाम कर जहां एक इतिहास रचा वही ब्लाक प्रमुख के चुनाव में आज 9 सीटें हासिल करके समाजवादी पार्टी की कमजोरी दिखा दी है।
जनपद में 15 ब्लॉकों के सापेक्ष भाजपा ने अपने 14 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे जिनमें से 9 प्रत्याशियों ने जीत हासिल कर ली है वही समाजवादी पार्टी ने 4 सीटें अपने नाम की हैं तो दो प्रत्याशी निर्दलीय जीते हैं हालांकि सपा उन जीते प्रत्याशियों पर अपना दावा दिखा रही है लेकिन भाजपा भी उन्हें अपना समर्थित प्रत्याशी बताने से नहीं चूक रही।

कुल मिलाकर जनपद जनपद में समाजवादी के बड़े-बड़े धुरंधर अपनी राजनीति में फेल होते हुए दिखाई पड़े वही पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा के पुत्र राकेश वर्मा के प्रयासों से समाजवादी पार्टी ने निर्विरोध प्रत्याशी जीता कर पार्टी के दमखम को जीवंत रखने का बेहतर प्रयास जरूर किया है लेकिन यहां यह भी बताना समीचीन होगा कि आने वाले 2022 के चुनाव में सपा को अपनी इस हार को देखते हुए कई बड़े परिवर्तन करने पड़ेंगे अन्यथा आने वाले समय में पार्टी की जीत तो दूर पार्टी की साख बचाना भी मुश्किल हो जाएगा।
रिपोर्ट – नितेश मिश्रा