
बलरामपुर। बलरामपुर व सिद्धार्थ नगर को जोड़ने वाले राप्ती नदी पर बने श्रृंगारजोत पुल का एप्रोच मार्ग कट जाने से चार पहिया वाहनों का आवागमन बाधित हो गया है। जिससे सिद्धार्थनगर व बलरामपुर के बीच यात्रा करने वालो को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सिंगारजोत का ये पुल दो जिलो बलरामपुर व सिद्धार्थनगर का लाइफ लाइन कहा जाता है। इस पुल से होकर पचपेड़वा, बिस्कोहर, इटवा, बांसी, व पड़ोसी देश नेपाल जाने वाले दैनिक राहगीरों के लिए अब बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
बीते दिनों बाढ़ खंड व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने एप्रोच मार्ग के कटान को रोकने के लिए पेड़ों की टहनियां काट कर डालीं थी लेकिन पानी के तेज बहाव में यह तरकीब कारगर साबित नहीं हुई। अब बाढ़ खण्ड के अधिकारी परक्युपाइन लगाकर नदी की धारा बदल कर धीमा करके एप्रोच मार्ग कटान को रोकने का प्रयास कर रहे हैं।

सिंगारजोत पुल का उत्तरी छोर सिद्धार्थ नगर जनपद में है। जबकि दक्षिणी छोर बलरामपुर जिले में स्थित है। दक्षिणी छोर का एप्रोच मार्ग कटने के बाद उस पार से फल, दूध, सब्जी, मावा, मसाले लाने वाले छोटे व्यापारियों के साथ दैनिक आजीविका कमाने आने वाले मजदूरों के लिए भी समस्या उत्पन्न हो गई हैं। नदी का जलस्तर जैसे जैसे कम हो रहा है कटान की स्थिति गंभीर हो रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते ठोस इंतजाम नहीं किया गया तो पुल के पिलर्स को भी खतरा हो सकता है। फिलहाल परक्युपाइन, बंबू कटर्स व बालू की बोरियां डाली जा रहीं हैं। एप्रोच मार्ग ठीक होने के बाद ही चौपहिया वाहनों का आवागमन शुरू हो सकेगा।

यह भी जानना जरूरी है कि तत्कालीन सपा सरकार में राप्ती नदी के श्रृंगारजोत घाट पर वर्ष 2000 में पक्का पुल का निर्माण शुरू हुआ था जो 2005 में बनकर तैयार हुआ। इस पुल को लोगों के आवागमन के लिए शुरू कर दिया गया था। तब से राप्ती नदी में कई बार बाढ़ आई लेकिन कभी भी नदी ने एप्रोच मार्ग का कटान नहीं किया। ऐसा पहली बार हो रहा है कि राप्ती नदी पुल से सटे एप्रोच मार्ग को ही काट रही है।
पूरे मामले पर उपजिलाधिकारी उतरौला नागेंद्र नाथ यादव ने बताया कि एप्रोच कटने की सूचना के बाद से ही वहां काम शुरू करा दिया गया है जल्दी अप्रोच को जोड़कर बलरामपुर सिद्धार्थनगर को जोड़ने वाले इस मार्ग को शुरू करा दिया जाएगा जिससे लोगों को समस्या से निजात मिल सकेगी।