
वाराणसी में भदैनी घाट पर स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ने वाले गरीब परिवार के सोनू को अब आगे बढ़ने के लिए संसाधनों की कमी नहीं होगी क्योंकि उसकी बेहतर पढ़ाई के लिए पूरी जिम्मेदारी सीनियर आईपीएस सुभाष चंद्र दुबे ने स्वयं उठाने का फैसला किया है।
वाराणसी में तैनात अपर पुलिस आयुक्त सुभाष चंद्र दुबे अपनी संवेदनशीलता और बेहतर कार्यशैली के लिए पूरे प्रदेश में चर्चित हैं। कुछ दिनों पहले एसीपी सुभाष चंद दुबे पैदल रात्रि भ्रमण करते हुए सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे थे इसी दौरान उन्होंने भदैनी घाट पर स्ट्रीट लाइट के नीचे एक बालक को स्ट्रीट लाइट की रोशनी में पढ़ाई करते हुए देखा और वहां पर बालक ने वजन करने की एक मशीन भी रखी हुई थी जिस पर लिखा हुआ था कि “₹5 में वजन कराएं भीख ना प्रदान करें रोजगार प्रदान करें पढ़ाई में सहयोग प्रदान करें” ।

एक बालक का स्वाभिमान और पढ़ाई करने की उसकी इच्छा को देखते हुए सीनियर आईपीएस सुभाष चंद्र दुबे का ह्रदय द्रवित हो गया और उन्होंने वाराणसी के एक अच्छे विद्यालय में संपर्क करके बालक सोनू के साल भर की फीस भी जमा कर दी और सोनू के जीवन भर की बेहतर पढ़ाई का दायित्व भी स्वयं स्वीकार कर लिया।
आईपीएस सुभाष चंद्र दुबे ने अपने कार्यालय में सोनू उनके परिजन और विद्यालय के संचालकों को बुलाकर यह कहा कि सोनू को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराई जाए और उसके लिए जो भी आवश्यक होगा वह उनके द्वारा किया जाएगा ।

वाराणसी के एडिशनल सीपी की इस संवेदनशीलता की पूरे प्रदेश में चर्चा और प्रशंसा हो रही है आईपीएस सुभाष चंद दुबे ने द इंडियन ओपिनियन को बताया कि , “एक लोक सेवक होने के नाते पुलिस और प्रशासन से संबंधित हमारे बहुत सारे दायित्व हैं लेकिन एक संवेदनशील और शिक्षित देशवासी होने के नाते एक सक्षम मनुष्य होने के नाते भी हमारे बहुत दायित्व हैं जिनका निर्वहन हमें यथासंभव जरूर करना चाहिए इस बालक में आगे बढ़ने की इच्छा है परिश्रम और स्वाभिमान की भावना है इसलिए इस बालक को यह सहयोग प्रदान किया जा रहा है जिससे यह आगे चलकर देश का उपयोगी नागरिक और सामर्थ्य वान मनुष्य बन सके”।
द इंडियन ओपिनियन
वाराणसी