
कछौना(हरदोई)। सरकार की प्राथमिकता में आने वाले ‘सार्वजनिक संपत्तियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के’ कामों के निर्वहन में जिम्मेदारों द्वारा जमकर घोर शिथिलता बरती जा रही है।इसका जीता जागता उदाहरण नगर पंचायत कछौना-पतसेनी में देखने को मिल रहा है जहाँ पर प्रदेश सरकार का एंटी भूमाफिया अभियान भी बेईमानी साबित हो रहा है।
नगर पंचायत का कांजीहाउस कई वर्षों से अवैध कब्जे की गिरफ्त में है।नगर पंचायत प्रशासन द्वारा कांजीहाउस को ना तो कब्जामुक्त कराया जा रहा है और ना ही अवैध कब्जेधारियों पर कानूनी कार्यवाई की जा रही है।वर्षों से काबिज अवैध कब्जे का ना हटना जिम्मेदारों की कार्यशैली को खुद-ब-खुद उजागर कर रहा है।
बताते चलें कि नगर पंचायत कछौना पतसेनी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व बाबा कुशीनाथ मंदिर के सामने गाटा संख्या 51 की भूमि राजस्व अभिलेखों में कांजीहाउस(पशुओं के रखने का स्थान) के नाम अंकित है जोकि देखरेख के अभाव में काफी जर्जर हालत में पहुंच गया था।भाजपा शासनकाल में लोगों को कांजीहाउस के दिन सुधरने की उम्मीद जगी थी लेकिन सरकार की शिथिलता व जिम्मेदारों की खाऊ-कमाऊ नीति के चलते उसपर जबरन कब्जा कर अवैध निर्माण जारी है।कांजीहाउस की राजस्व अभिलेखों में दर्ज भूमि के सापेक्ष अब मौके पर नाममात्र की ही भूमि बची हुई है।जिसपर भी राजस्व विभाग की मिलीभगत से कुछ लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर भवन व दुकानों का निर्माण किया जा रहा है।

इस पूरे मामले की शिकायत भारतीय जनता पार्टी-हरदोई के लघु उद्योग प्रकोष्ठ के जिला-संयोजक व नगर पंचायत कछौना पतसेनी के नामित सभासद राधारमण शुक्ला(पंकज) ने स्थानीय अधिशासी अधिकारी रेणुका यादव समेत उच्चाधिकारियों से की है।उन्होंने नगर पंचायत प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर पंचायत की सार्वजनिक भूमि कांजीहाउस भवन व उसके कार्यालय, बरामदा, कुआँ, नांदे, प्याऊ, भूसा भंडार, गेट व चारदीवारी आदि को जेसीबी मशीन द्वारा ध्वस्त करके(जिन सभी की अनुमानित कीमत दस लाख रुपए है) लगभग पचास लाख रुपए की कीमती सरकारी जमीन पर अवांछित लोगों द्वारा कब्जा कर भवन व दुकानें बनाई जा रही हैं।नगर पंचायत प्रशासन द्वारा इस संबंध में जानकारी करने पर गोलमाल जवाब देकर पल्ला झाड़ लिया जाता है।

उन्होंने यह भी कहा कि हम नामित सभासदों को बिना सूचना दिए नगर पंचायत कछौना द्वारा कराया जा रहा यह कार्य पूर्णतः असंवैधानिक है।जिसमें आवश्यक प्रक्रियाओं का भी जमकर उल्लंघन किया गया है।पूरे मामले पर संज्ञान लेकर दोषियों पर त्वरित कार्यवाई करने के लिए उन्होंने डीएम व ईओ को पत्र लिखकर अवगत कराया है।वहीं जब इस संदर्भ में स्थानीय अधिशासी अधिकारी(ईओ) रेणुका यादव से उनका पक्ष जानने के लिए दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उनका नंबर स्वीच-ऑफ जा रहा था।
हरदोई से शिवहरि दीक्षित के साथ एस बी सिंह सेंगर की रिपोर्ट