4 दिन पहले ही राजस्थान के मुख्यमंत्री कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने भाजपा सरकारों की आलोचना करते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में जिस तरह बुलडोजर चलाया जा रहा है वह गैरकानूनी है आरोप और अवैध निर्माण अदालत के द्वारा साबित किए बगैर बुलडोजर चलाया जाना गलत है ।
लेकिन आज राजस्थान के अलवर में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार के अधिकारियों ने 300 साल पुराने प्रतिष्ठित शिव मंदिर समेत 100 दुकानों को बिना किसी अदालती आदेश के बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया मामले में जब हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
तब यह कहा गया कि अलवर कस्बे में सड़कों के चौड़ीकरण के लिए यह कार्रवाई की गई है भाजपा के कई नेताओं ने इस विषय पर कांग्रेस सरकार पर हिंदू विरोधी रवैया अपनाने का आरोप लगाया है और यह कहा गया है कि 300 साल पुराना शिव मंदिर उस स्थान पर तब से स्थापित था जब अलवर शहर भी कायदे से नहीं बसा था और उस प्राचीन मंदिर को तोड़ा जाना भारत की प्राचीन संस्कृति और हिन्दू धर्म के खिलाफ कांग्रेस की नफरत और अशोक गहलोत सरकार की साजिश को उजागर करता है ।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी मामले में कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं कहा जा रहा है कि कांग्रेस सरकार के निर्देश पर अलवर नगर पालिका और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने न सिर्फ मंदिर को तोड़ दिया बल्कि वहां स्थापित प्राचीन शिवलिंग और अन्य मूर्तियों को ड्रिल मशीन से काट कर कूड़ेदान में फेंक दिया।
वह इस मामले में काग्रेस नेताओं ने उल्टे भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अलवर नगर पालिका में भाजपा का बहुमत है और भाजपा के नेताओं के द्वारा ही नगरपालिका संचालन किया जाता है और उनके बोर्ड के द्वारा कई वर्षों पूर्व पारित प्रस्ताव के क्रम में या तोड़फोड़ की गई है लेकिन बीजेपी के लोगों ने यह आरोप लगाया कि जिले के कलेक्टर और जिला प्रशासन ने बिना अदालती आदेश के 300 साल पुराना मंदिर कैसे तोड़ दिया जो कि एक राष्ट्रीय धरोहर था ।कहा जा रहा है कि नगरपालिका के अधिकारियों पर कांग्रेस सरकार के द्वारा दबाव डालकर यह कार्रवाई की गई है।
समाचार एजेंसियां जयपुर
द इंडियन ओपिनियन