प्रदेश सरकार में मंत्री रहे स्वर्गीय श्यामलाल वाजपेई और देश के लिए वीरगति को प्राप्त हो चुके फ्लाइट लेफ्टिनेंट शंकर दयाल बाजपेई के परिवार के सदस्य रघुवर दयाल वाजपेई रिटायर्ड अधिशासी अधिकारी का पिछले दिनों में हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी।
परिजनों ने जब लापरवाही का आरोप लगाकर विरोध जताया तो अस्पताल के प्रबंधन और सुरक्षाकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की इस मामले को लेकर गोमतीनगर थाने में एफ आई आर भी लिखवाई गई लेकिन पुलिस ने मामले में अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता अजय कुमार बाजपेई का कहना है कि मेयो हॉस्पिटल लखनऊ में मरीजों के साथ दुर्व्यवहार उनके परिजनों के शोषण की कई शिकायतें होने के बाद भी राजधानी का पुलिस प्रशासन इस मामले को लेकर संवेदनशील नहीं है।
उनके बड़े भाई स्वर्गीय रघुवर दयाल बाजपेई का समय रहते मेयो हॉस्पिटल में ना तो बेहतर इलाज किया गया और ना ही उनके साथ उचित व्यवहार किया गया। परिजनों ने जब उनके इलाज के बारे में जानकारी चाहिए सवाल किया तो उनके साथ भी मारपीट की गई। वही दिनांक 29 सितंबर को मुकदमा दर्ज होने के बाद अभी भी किसी संबंधित व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं की गई इससे परिवार में निराशा है।
जिस परिवार ने देश के लिए बड़ा योगदान दिया उस परिवार के प्रति लखनऊ जिला प्रशासन की संवेदनहीनता से बहुत कष्ट होता है।