रिपोर्ट – आराधना शुक्ला
आईफोन निर्माता कंपनी एप्पल अपनी उत्पादन क्षमता का लगभग पांचवा हिस्सा चीन से भारत में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही है। साथ ही यह कंपनी अनुबंध निर्माताओं के माध्यम से अगले पांच वर्षों के दौरान मैन्युफैक्चरिंग रेवेन्यू 40 बिलियन डॉलर करना चाहती है। एक रिपोर्ट में भारत के शीर्ष अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि उन्हें उम्मीद है कि, ऐपल देश में अपनी अनुबंधित निर्माता विस्ट्रॉन और फॉक्सकॉन के जरिए स्मार्टफोन का निर्माण 40 अरब डॉलर तक करेगी और इसका बड़ा हिस्सा निर्यात भी किया जाएगा। कंपनी को इसके लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलई) स्कीम के तहत इंसेंटिव भी दिया जाएगा। एप्पल के इस कदम के साथ ही स्पष्ट हो गया है कि उसका इरादा भारत सरकार द्वारा पीएलआई योजना का भरपूर लाभ उठाना है। हालांकि कंपनी की योजना के जानकारों के हवाले से यह भी बताया गया है कि सरकार की इस स्कीम में कुछ खामियां भी हैं।
वर्तमान में फॉक्सकॉन और विस्ट्रोन भारत में एप्पल उत्पादों का निर्माण करते हैं जिनमें आईफोन भी शामिल है। एप्पल देश में 40 बिलियन डॉलर तक के स्मार्टफोन उत्पाद उत्पादन करने के लिए पहले से मौजूद कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स का सहारा लेगा।
इस साल मार्च में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, अर्धचालक और मोबाइल सेगमेंट में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए तीन अलग-अलग योजनाओं की शुरुआत की गई थी- उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना यानी पीएलआई, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और अर्थ चालकों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए स्पेस (एसपीईसीएस) योजना तथा इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर ईएमसी 2.0।
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना का फायदा उन्हीं कंपनियों को मिलेगा जो 2020-25 के दौरान चरणबद्ध तरीके से देश में कम से कम 10 अरब डॉलर के मोबाइल हैंडसेट का निर्माण करेंगे।
विस्ट्रॉन पहले ही अपनी बेंगलुरु ईकाई में 2017 से ही एप्पल के कम कीमत वाले “आईफोन यस ई” मॉडल बना रहा है। इस वक्त यहां “आईफोन 6एस” और 7 मॉडल भी असेंबल किए जाते हैं। यहां की एक दूसरी यूनिट में “आईफोन7″और “आईफोन8” मॉडल बनाए जाते हैं, जिनमें से कुछ हैंडसेट्स को निर्यात भी किया जाता है।
भारत बनेगा निर्माण और निर्यात हब-: एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि भारत एप्पल का बड़ा मार्केट नहीं है इसलिए कंपनी भारत को मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट का बेस बनाएगी जिससे अपने निर्माण को चीन से बाहर निकाल सके।
पिछले साल दिसंबर में हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मोबाइल कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इसमें प्रमुख रूप से एप्पल, सैमसंग और देसी फोन निर्माता लावा के शीर्ष अधिकारी शामिल थे। इस बैठक में भारत को हाईटेक मैन्युफैक्चरिंग को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन देने की बात कही गई थी।