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अयोध्या: पूरी हुई सदियों की तपस्या, प्रारंभ हुआ मंदिर का निर्माण, प्रधानमंत्री ने रखी आधारशिला।

रिपोर्ट – राम प्रकाश त्रिपाठी,

अयोध्या। सदियों के संघर्ष, त्याग, तपस्या, बलिदान के बाद 528 साल बाद भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण का मार्ग आज प्रशस्त हो गया। शुभ मुहूर्त में ठीक 12 बजकर 44 मिनट आठ सेकेंड पर स्वयं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम जन्मभूमि पर बनने वाले राम लला के मंदिर की आधारशिला विधि विधान के साथ रख दी।

अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री सुबह साढ़े 11 बजे अयोध्या के निकट साकेत महाविद्यालय में बने हेलीपैड पर उतरे। यहां उनका स्वागत करने के लिए स्थानीय जन प्रतिधियों के साथ स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद थे। यहां से वह बिना विलंब के हनुमान गढ़ी पहुंचे, जहां उन्होंने हनुमान जी पूजा और आरती की। इसके बाद वहां पर हनुमान गढ़ी की ओर से उन्हें मुकुट सहित पगड़ी पहनाई गई। और अंगवस्त्रम भेट किया गया। यहां से वह सीधे श्री राम जन्म भूमि पहुंचे, जहां उन्होंने श्री राम लला का दर्शन और पूजन किया। यहां उन्होंने प्रभु श्री राम को साष्टांग दंडवत किया। इसके बाद वह भूमि पूजन स्थल पर पहुंचे। भूमि पूजन स्थल पर काशी, प्रयाग और अयोध्या के वैदिक विद्वान पूजन के लिए पहले से ही तैयार थे। इसके पहले उन्होंने मंदिर परिसर में पारिजात का पौधा भी रोपा।

यजमान की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वह सारी प्रक्रियाएं पूरी की, जो इस पूजन के लिए निर्धारित थीं। इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत, मुख्य यजमान श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के पुरोध स्व. अशोक सिंहल के भतीजे सलिल सिंघल भी मौजूद थे।

पुरोहितों ने प्रधानमंत्री से विधिवत पूजा अर्चना कराई। इस दौरान चांदी की नौ शिलाओं का पूजन किया गया। करीब 12 बजे शुरू हुआ भूमि पूजन कार्यक्रम करीब 48 मिनट चला। अभिजीत मुहुर्त में भूमि पूजन और शिला पूजन सम्पन्न होने के बाद श्री मोदी ने साक्षात दंडवत कर देश की तरक्की और कोरोना के नाश का वरदान प्रभु श्रीराम से मांगा। भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद हर हर महादेव,जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे लगाये गए। नींव पूजन में कांची काम कोटि के शंकराचार्य की तरफ से लिखित ताम्र पत्र भी रखा गया, जिसमें श्री राम मंदिर का विवरण और कार्यक्रम के बारे में उल्लेख किया गया है। ताम्रपत्र में किसी के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है। इस कार्यक्रम का संचालन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय कर रहे थे। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास भी इस अवसर पर विराजमान थे।

प्रधानमंत्री मोदी भारतीय पारंपरिक पोशाक हल्के पीले रंग का कुर्ता, सफेद धोती और भगवा रंग के गमझे में थे। काशी के प्रकांड तीन विद्धानों ने भूमि पूजन का अनुष्ठान शुरू किया। पीएम मोदी को यजमान के तौर पर संकल्प दिलाया गया और गणेश पूजन के साथ भूमि पूजन का कार्यक्रम शुरू हो गया। पूजन से पहले बाबा भैरवनाथ की भी आज्ञा ली गई। इस अवसर पर भगवान की कुल देवी मां काली का भी पूजन किया गया। दुर्गा सप्तशती के चतुर्थ अध्याय में वर्णित संक्षित कवच का पाठ भी किया गया। इसके पश्चात श्री सूक्त का पाठ हुआ। तदनंतर पंचशिलाओं, कच्छप और शेषनाग जी का पूजन कर उन्हें स्थापित किया गया। स्वर्ण वास्तुदेव तथा पंच रत्न आदि भी समर्पित किए गए। पूजन विधान में आरती और यजमान के स्वस्तिवाचन की भी प्रक्रिया संक्षेप में पूरी की गई।

पूजन के क्रम में प्रधान आचार्य दक्षिणा में काशी विद्वत परिषद के विद्वान डा. राम नारायण द्विदेवी ने समष्टि के कल्याण की ही कामना की।

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