भारत के दो राज्य असम और मिजोरम में सीमा विवाद को लेकर घमासान मचा हुआ है। दोनों राज्यों के सीएम के बीच ट्वीटर वार चल रहा है, पुलिस और जनता आपस में भिड़ी है। इसी झगड़े में बीते दिन असम पुलिस के 6 जवान हिंसा में शहीद हो गये। जबकि कई लोग घायल हो गये हैं। गौरतलब है कि असम और मजोरम की हिंसा कोई बात नहीं है। दोनो राज्यों का सीमा विवाद दशकों पुराना है। अंग्रेजों के एक अधिनियम के कारण आज असम और मिजोरम आमने सामने डटे हैं, और दोनों के बीच खूनी संग्राम छिड़ा है।
असम और मिजोरम के बीच चल रहा सीमा विवाद आज का मुद्दा नहीं है। दोनों के बीच यह सीमा विवाद करीब 150 साल पुराना है। दरअसल, मिजोरम की सीमा असम के कछार और हाइलाकांडी जिलों से लगती है। यहीं की जमीन के लिए दोनों सूबों के बीच आए दिन तनातनी चलती रहती है। लेकिन इतिहास में एसा पहली बार हुआ है जब सीमा विवाद के लिए दो राज्यों की पुलिस के बीच फायरिंग हुई और इसमें 6 जवाव शहीद भी हो गये हो।
असम-मिजोरम के बीच ताजा विवाद में 6 पुलिसकर्मी शहीद हो गये। इससे पहले भी दोनों राज्यों के बीच इस तरह का सीमा विवाद हुआ है। दरअसल, इस विवाद का कारण अंग्रेजों का एक अधिनियम है। अंग्रेजों ने 1875 में एक अधिसूचना जारी की थी जिसके अनुसार लुशाई पहाड़ियों को कछार के मैदानी इलाकों से अलग कर दिया गया था। इससे पहले 1972 तक यह असम का ही हिस्सा हुआ करता था।
गौरतलब है कि मिजोरम 1873 के बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेग्युलेशन को मानता है और इसी के आधार पर वो अपना दावा रखता है। वहीं, असम 1933 में सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से तैयार किए गए नक्शे को ही सीमा रेखा मानता है। इसी कारण दोनों राज्यों के बीच अक्सर विवाद छिड़ा रहता है। कई दौर की बातचीत हुई। झड़पे हुई, गोलीबारी भी हो गई लेकिन हालात अभी भी नहीं सुलझे। यह विवाद बदस्तूर जारी है।
बता दें, मिजोरम अपने पड़ोसी राज्य असम के साथ 164.6 किलोमीटर की सीमा साझा करता है। यानी मिजोरम की सीमा असम के कछार और हाइलाकांडी जिलों को छूती हैं। इसी जमीन को लेकर दोनों राज्यों के बीच आए दिन तनातनी होती रहती है। इसी जमीन के लिए दोनों राज्यों में अक्सर विवाद होता रहा है। इस बार तो हालात इतने बिगड़ गये की सीमा विवाद को लेकर हिंसक झड़प इस स्थिति पर पहुंच गई कि इसको लेकर फायरिंग होने लगी।
1875 में अंग्रेजों की जारी अधिसूचना से जो विवाद छिड़ा है वो 150 सालों में भी खत्म नहीं हो सका है। इधर, दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद को खत्म करने के लिए साल 1995 से केन्द्र सरकार की उपस्थिति में दोनों राज्यों के बीच कई दौर की बातचीत हुई। लेकिन बातचीत बेनतीजा खत्म हो गई। इसके बाद कई बार दोनों राज्यों का विवाद गहराया, और बीते साल अगस्त 2020 में ये फिर सतह पर आ गया।
इस विवाद को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। उन्होंने इस घटना को अमित शाह की नाकामी बताया और कहा कि उनके कारण ही नागरिकों में नफरत और अविश्वास पैदा हो रहा है। साथ ही उन्होंने इस घटना में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना भी प्रकट की है और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की आशा जताई है।
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, “इस घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति मैं अपनी संवेदना प्रकट करता हूं। साथ ही घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस घटना से एक बार फिर गृह मंत्री की नाकामी सामने आई है। वो देश के नागरिकों में नफरत और अविश्वास पैदा करने का काम कर रहे हैं। भारत अब इसके चलते खराब हालात भुगत रहा है।
रिपोर्ट – आर डी अवस्थी