पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए एक और बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। प्रधानमंत्री पद से इमरान खान के इस्तीफे की मांग और तेज हो गई। इमरान के खिलाफ पाकिस्तान में विपक्षी दल के नेताओं ने एक अलग गठबंधन बनाया है। विपक्षी दल के नेताओं द्वारा इसका नाम पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) रखा गया है।
इमरान खान के शीर्ष सहायक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) असीम सलीम बाजवा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर अब उनकी कुर्सी खतरे में हैं। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने बताया कि अक्टूबर से शुरू होने वाली एक कार्य योजना के तहत उन्होंने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ तीन चरण के आंदोलन की घोषणा की है। विपक्षी दलों के इस गठबंधन द्वारा दिसंबर में भारी विरोध प्रदर्शन की योजना है।
जनवरी 2021 में इस्लामाबाद की ओर एक मार्च निकाला जाएगा।गठबंधन दल द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव में सेना का नाम लिए बिना आरोप लगाया गया है कि इमरान खान की सरकार को उसी संस्थान ने फर्जी स्थिरता दी है, जिसने मौजूदा शासकों को सत्ता में लाने के लिए चुनाव में हस्तक्षेप किया था। शक्तिशाली फौज का जाहिर तौर पर संदर्भ देते हुए प्रस्ताव में कहा गया है कि मुल्क के अंदरूनी मामलों में संस्थान की बढ़ती दखलअंदाजी बेहद चिंतनीय है और इसे देश की स्थिरता तथा संस्थानों के लिए बड़ा खतरा है।
जमीयत उलेमा-ए इस्लाम (एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरकार के खिलाफ इस योजना का खुलासा करते हुए कहा था कि वे संसद में इमरान खान सरकार के साथ कोई और सहयोग नहीं करेंगे।
एजेंसी