ईंट भट्ठा समिति की मांग! खत्म हो प्रशासनिक एवं पुलिस हस्तक्षेप

◆ईंट निर्माता समिति की चुनाव भी सम्पन्न
◆संरक्षक बने चरणजीत, शेषमणि अध्यक्ष, चरण बने महामंत्री।
◆अन्य सदस्यों को भी बहुमत से मिला समर्थन
◆समिति ने रखी अपनी मांगे! न पूरी होने पर आंदोलन की चेतावनी

बाराबंकी: ईंट भट्ठा निर्माता समिति के तत्वाधान में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। वार्ता से पूर्व समिति के चुनाव भी सम्पन्न कराये गए जिसमें संरक्षक के रूप में चरणजीत तलवार, अध्यक्ष शेषमणि तिवारी, महामंत्री चरण आहूजा, कोषाध्यक्ष पंकज रामानी, उपाध्यक्ष अशोक यादव,विवेक वर्मा, बबलू वर्मा व सह मंत्री के रूप में पंकज वर्मा चुने गए।

वार्ता को संबोधित करते हुए अध्यक्ष व महामंत्री ने कहा कि विगत दो वर्षों से कोरोना महामारी, उसके पश्चात कोयले के दामो में हो रही लगातार बढ़ोतरी तथा वर्तमान समय मे जीएसटी कॉउन्सिल द्वारा ईंटो पर कर की दर बढ़ाकर 6 व 12 प्रतिशत स्लैब कर देने से ईंट उद्योग के लगभग समाप्त होने की नींव पड़ गयी है।

अध्यक्ष शेषमणि द्वारा बताया गया कि कोयले के दामो में भारी वृद्धि, सरकारी एवं अर्धसरकारी निर्माण कार्य मे लाल ईंट का प्रयोग सरकारी अधिसूचना के हवाला देकर बंद कर दिए जाने से उसकी खपत कम हो गयी है।

प्रदेश महामंत्री ने कहा कि ईंट मिट्टी व साधारण मिट्टी निकासी में जेसीबी प्रयोग पर स्थानीय प्रशासन व पुलिस हस्तक्षेप से भट्टो में ईंट निर्माण प्रक्रिया पूरी तरह बाधित होती है जबकि ईंट मिट्टी से रॉयल्टी समाप्त हो जाने के बाद ईंट भट्टो पर पर्यावरणीय क्लीयरेंस की बाध्यता लगभग समाप्त हो गयी है ऐसी दशा में पुलिस हस्तक्षेप समाप्त होना चाहिए।

वार्ता के अंत मे समिति ने सरकार से मांग करते हुए ईंट मिट्टी निकासी में जेसीबी प्रयोग अनुमन्य किये जाने, सरकारी कोयले का आयात बढ़ाने एवं जीएसटी कॉउन्सिल के कर स्लैब बढ़ाये जाने के प्रस्ताव को तत्काल वापस लिया जाए अन्यथा समिति के द्वारा ईंट उद्योग बचाने के लोग भट्टा व्यापारी आंदोलन के लिए विवश होंगे।

रिपोर्ट- नितेश मिश्रा

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