कांग्रेस नेता राहुल गाँधी समेत अन्य विपक्षी दलों ने संसद में सरकार को घेरा।

नई दिल्ली :देश में विपक्ष के नेताओं, अफसरों, जजों, पत्रकारों और एक्टिविस्ट्स की जासूसी के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि जासूसी के लिए पेगासस का इस्तेमाल देशद्रोह है। सरकार ने मेरी, सुप्रीम कोर्ट और प्रेस के लोगों की जासूसी की। इस पर तंज कसते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी को अपनी जासूसी का शक है, तो वे अपने फोन की फोरेंसिक जांच क्यों नहीं कराते? उनके फोन में ऐसा क्या है, जिसे वे छिपा रहे हैं।

राहुल ने कहा- हिंदुस्तान का पूरा विपक्ष यहां खड़ा हुआ है। हर पार्टी के नेता यहां हैं। हमें यहां आज क्यों आना पड़ा, क्योंकि हमारी अवाज को संसद में दबाया जा रहा है। हमारा सिर्फ एक सवाल है। क्या हिंदुस्तान की सरकार ने पेगासस को खरीदा? हां या न। क्या हिंदुस्तान की सरकार ने अपने लोगों पर पेगासस हथियार का उपयोग किया। हां या न? हम सिर्फ ये जानना चाहते हैं।
संबित ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी सहित विपक्ष के तमाम नेता सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रहे हैं। जनता सदन में कोरोना पर चर्चा चाहती थी, लेकिन विपक्ष ने ये होने नहीं दिया। राहुल कह रहे हैं कि उनके फोन में हथियार है।

उन्हें पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए। क्या कारण है कि वे फोन की फोरेंसिक जांच नहीं करा रहे हैं? उनके मोबाइल में ऐसा क्या है, जो वे जांच कराने से डर रहे हैं। यदि हमारे या आपको फोन में हथियार होगा तो क्या हम घर पर बैठेंगे? बिल्कुल नहीं।
राहुल बोले- सरकार ने कहा है कि संसद में पेगासस पर कोई बात नहीं होगी। साफ तौर पर सरकार ने कुछ गलत किया है, सरकार ने कुछ ऐसा किया है जो देश के लिए खतरनाक है। वरना वे कहते कि आइए और चर्चा कीजिए। हमारे बारे में कहा जाता है कि हम संसद की कार्यवाही को चलने नहीं दे रहे हैं। आपको विपक्ष के सभी नेता यहां बताएंगे कि हमारी सरकार से क्या मांगें हैं। जिस हथियार को आतंकवादियों और देशद्रोहियों के खिलाफ उपयोग किया जाना चाहिए उसका उपयोग नरेंद्र मोदी जी ने भारतीय संस्थाओं और लोकतंत्र के खिलाफ क्यों उपयोग किया।

संबित ने कहा- कांग्रेस असली मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है। आखिर राहुल गांधी की जासूसी कोई क्यों करवाएगा। उनसे तो कांग्रेस पार्टी ही नहीं संभाली जा रही है। पेगासस के मामले पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव विपक्ष को जवाब दे रहे थे, लेकिन विपक्ष ने क्या किया। उनके हाथ से कागज छीनकर फाड़ दिया। ये गैर जिम्मेदाराना हरकत है। एक केंद्रीय मंत्री सदन में जवाब देते हैं और उनके हाथ से कागज छुड़ाकर फाड़ दिया जाता है, क्या इसी लोकतंत्र की बात हो रही है। एक समय राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के हाथ से जिस तरह कागज छुड़ाकर फाड़ा था, इसी तरह उनके कुछ साथियों ने भी संसद में ये काम किया।
राहुल का कहना था, “हम संसद में सिर्फ इस मुद्दे पर ही बात करना चाहते हैं। यदि हमने अभी यह कह दिया कि अभी पेगासस पर बात नहीं करेंगे तो यह मुद्दा खत्म हो जाएगा। ये हमारे लिए राष्ट्रवाद का मामला है। ये एंटी नेशनल काम है। नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह जी ने देश की आत्मा को चोट पहुंचाई है। हम सिर्फ इतना जानना चाहते हैं कि क्या सरकार ने इसका इस्तेमाल किया और सरकार ने किस-किस पर इसका इस्तेमाल किया?”

राहुल ने कहा- हम पेगासस पर चर्चा चाहते हैं। सरकार पेगासस पर चर्चा करने से मना कर रही है। राहुल ने सवाल उठाया- मैं देश के युवाओं से जानना चाहता हूं कि आपके मोबाइल पर नरेंद्र मोदी जी ने एक हथियार डाला है। मेरे खिलाफ, सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ, प्रेस के लोगों के खिलाफ, कार्यकर्ताओं के खिलाफ इस हथियार का प्रयोग हुआ। तो फिर क्या कारण है कि सदन में इस पर बात नहीं हो रही है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी दिल्ली दौरे पर हैं। इस बीच पेगासस मामले पर उन्होंने कहा है कि स्थिति बहुत गंभीर है। हालात इमरजेंसी से भी गंभीर हैं। वहीं विपक्षी दलों के नेतृत्व के सवाल पर ममता ने कहा, ‘मैं राजनीतिक ज्योतिषी नहीं हूं। यह हालात पर निर्भर करता है। मैं एक साधारण कार्यकर्ता हूं और आगे भी कार्यकर्ता के तौर पर ही काम करना चाहती हूं।’

राहुल गांधी के साथ बैठक में 14 विपक्षी दलों के नेता मौजूद थे। बैठक के बाद राहुल ने कहा कि हम जनता, किसानों और देश से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं।
सदन के बाहर एक जैसी विचारधारा वाले 14 विपक्षी दलों ने एक अहम मीटिंग भी की और सरकार को घेरने की योजना बनाई। मीटिंग के बाद कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने कहा कि पेगासस जासूसी केस, महंगाई और किसानों के मुद्दे पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे।
विपक्ष की बैठक में कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, आम आदमी पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, राष्ट्रीय समाज पार्टी, केरल कांग्रेस (एम), विदुथालाई चिरुथैगल कच्ची और एसएस पार्टी के नेता शामिल थे।

इजराइल की साइबर सिक्योरिटी कंपनी NSO का स्पायवेयर पेगासस फोन हैकिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पेगासस एक स्पायवेयर है। स्पायवेयर यानी जासूसी या निगरानी के लिए इस्तेमाल होने वाला सॉफ्टवेयर। इसके जरिए किसी फोन को हैक किया जा सकता है। हैक करने के बाद उस फोन का कैमरा, माइक, मैसेजेस और कॉल्स समेत तमाम जानकारी हैकर के पास चली जाती है। इस स्पायवेयर को इजराइली कंपनी NSO ग्रुप ने बनाया है।
पेगासस को किसी भी फोन या किसी अन्य डिवाइस में रिमोटली इंस्टॉल किया जा सकता है। सिर्फ एक मिस्ड कॉल करके भी आपके फोन में पेगासस को इंस्टॉल किया जा सकता है। इनता ही नहीं, वॉट्सऐप मैसेज, टेक्स्ट मैसेज, SMS और सोशल मीडिया के जरिए भी यह आपके फोन में इंस्टॉल किया जा सकता है।
द गार्जियन और वाशिंगटन पोस्ट समेत 16 मीडिया ऑर्गनाइजेशन की एक संयुक्त रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत सरकार ने 2017 से 2019 के दौरान करीब 300 भारतीय मोबाइल नंबरों की जासूसी की है। रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार ने पेगासस स्पायवेयर की मदद से पत्रकार, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, विपक्ष के नेता और बिजनेसमैन के फोन हैक किए थे।

रिपोर्ट – आर डी अवस्थी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *