कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा फिर हिरासत में, हिरासत के ढ़ाई घण्टे बाद हुई रिहा ।

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति गर्म हो गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को 17 दिनों के भीतर दूसरी बार पुलिस ने हिरासत में लिया है। ताजा मामला आगरा में पुलिस कस्टडी में मृत सफाई कर्मी अरुण वाल्मीकि की मौत का है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीड़ित परिजनों से मिलने के लिए आगरा जा रही थीं, लेकिन आगरा एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा पर उन्हें रोक लिया गया। लखनऊ पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। हालांकि, हिरासत के ढाई घंटे बाद प्रियंका को आगरा जाने की परमिशन मिल गई। अब 5 लोगों की एक टीम पीड़ित परिवार से मिलने निकलेगी। उधर, प्रदेश सरकार ने मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी व 10 लाख का मुआवजा पीड़ित परिवार को देने का आश्वासन दिया है।


पुलिस की कार्रवाई पर प्रियंका ने कहा कि किसी की मौत पर उनके घर के परिजनों से मुलाकात करने दिए जाने से लॉ एंड ऑर्डर कैसे बिगड़ सकता है, आप लोगों को खुश करने के लिए क्या मैं लखनऊ के गेस्ट हाउस में आराम से बैठी रहूं। किसी को पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है? प्रियंका ने कहा कि जहां जाती हूं वहीं रोक देते हैं, क्या रेस्टोरेंट में बैठ जाऊं।

पुलिस की कार्रवाई पर इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से धक्का-मुक्की और झड़प भी हुई। ए डी सी पी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने लखनऊ और आगरा में धारा 144 लागू होने का हवाला दिया। कहा कि वहां जाने से लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ सकता है।
मामले में सीओ लोहामंडी सौरभ सिंह की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया गया था और एडीजी ने लापरवाही के आरोप में थाना प्रभारी अनुप कुमार तिवारी, दीवान प्रताप भान सिंह और एक दरोगा समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था।
जिस तरह से थाने में चोरी हुई थी, उससे थाने में रोज आने वालों पर शक जा रहा था। 20 से अधिक लोगों से पूछताछ के बाद सफाईकर्मी लोहामंडी निवासी अरुण पर पुलिस को शक गहराया। वह वारदात के बाद से थाने नहीं आ रहा था। वह थाने में सफाई करने आता था। पुलिस ने उसके घर दबिश दी तो घर पर 15 लाख रुपए मिले थे। परिजन पैसे के बारे में जानकारी नहीं दे पा रहे थे। पुलिस ने उसके दोनों भाइयों को थाने पर बिठा लिया था। आरोपी सफाईकर्मी की मंगलवार रात पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। सफाई कर्मचारी को मंगलवार शाम पुलिस ने हिरासत में लिया था।
सफाई कर्मी की मौत के बाद बवाल की आशंका के चलते थाना जगदीशपुरा को छावनी बना दिया गया है। इस प्रकरण में अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है। पोस्टमार्टम हाउस पर परिजनों ने हंगामा किया।


सफाईकर्मी का भाई पुलिस टीम के साथ उसे संभावित जगहों पर तलाश कर रहा था। मंगलवार को ताजगंज वाल्मीकि बस्ती में आरोपी के होने की सूचना आई थी। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने उसका वीडियो बना लिया। वीडियो के अनुसार अरुण ने भेष बदलने के लिए बाल मुंडवा लिए थे। देर रात पुलिस कस्टडी में उसकी मौत हो गई है।
पुलिस ने उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। वहीं, बवाल की आशंका को देखते हुए जगदीशपुरा थाने पर फोर्स तैनात कर दिया गया है। दूसरे जिलों से भी पुलिसकर्मियों को बुलाया गया है।
एसएसपी मुनिराज के अनुसार पूछताछ के दौरान उसने चोरी की वारदात कबूल की थी। उसके पास से 15 लाख रुपए भी बरामद हुए। अचानक उसकी तबीयत खराब हुई। परिजनों के साथ पुलिस उसे एसएन मेडिकल कालेज ले गई, जहां उसकी मौत हो गई।
एसएसपी ने बताया कि एक इंस्पेक्टर, एक दरोगा और तीन सिपाही सस्पेंड किए गए हैं। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी होगी। मानवाधिकार आयोग की गाइडलाइन के तहत जांच होगी।
पोस्टमार्टम हाउस के बाहर मृतक अरुण के परिवार के लोगों से मिलने पहुंचे कांग्रेसियों से वाल्मीकि समाज के लोगों की झड़प हुई है। कांग्रेसियों को धक्के देकर जाने को कहा गया। राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य कमल वाल्मीकि ने कहा कुछ अराजक तत्व माहौल खराब करना चाहते हैं। एफआईआर दर्ज हो चुकी है। एक करोड़ का मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग की गई है।

रिपोर्ट – आर डी अवस्थी

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