कानपुर देहात, परौंख : राष्ट्रपति कोविंद ने गांव पहुँचकर मातृभूमि को किया प्रणाम।

कानपुर देहात परौंख महामहिम राष्ट्पति अपने पैतृक गाँव पहुँचे और भावुक होकर कहा मैं कहीं भी रहूं, मेरे गांव की मिट्टी की खुशबू और यहां के लोग दिल में रहेंगे

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पैतृक गांव परौंख में हैं। गांव में अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने अपने दोस्तों को याद किया। बचपन के एक-एक दोस्त का नाम लेते हुए राष्ट्रपति भावुक हो गए। बोले, मैंने जसवंत सिंह, विजयपाल सिंह, स्व. हरिपाल, चंद्रभान सिंह भदौरिया, राजाराम और दशरथ समेत अन्य सहपाठियों के साथ पढ़ाई की शुरुआत गांव से की थी। सभी दोस्तों का मुझे खूब स्नेह मिला। हम लोगों ने एक साथ ही भविष्य के सपने देखे और एक-दूसरे की मदद की थी। इसके साथ ही कहा कि इसमें कुछ लोग दिवंगत हो गए हैं, उनकी स्मृतियों को नमन।

राष्ट्रपति ने बचपन की यादों को ताजा किया।

बताया कि दोस्त जसवंत सिंह के भाई बजरंग सिंह ने आज से 40 साल पहले गांव में राजनैतिक चेतना जगाने का काम किया था। उस दौरान वह राममनोहर लोहिया को गांव लेकर आए थे। वह बहुत बड़ी बात थी।
आगे उन्होंने कहा, गांव के धन सिंह भदौरिया ने गांव में अध्यात्मिक चेतना जगाए रखी। गांव के सूबेदार सिंह, कैलाशनाथ बाजपेई, रामचंद्र शुक्ला, मोतीलाल गुप्ता, मास्टर राजकिशोर सिंह, महेश सिंह, भोले सिंह ने गांव में संस्कृति, शिक्षा, आपसी भाई चारे और कर्तव्यों की चेतना को जगाए रखा। ये वाकई में हम सभी के लिए बड़ी बात थी।

शनिवार को राष्ट्रपति कोविंद अपने बचपन के दोस्त केके अग्रवाल से मिलने पहुंचे थे।

राष्ट्रपति कोविंद ने सेना के जवानों को भी याद किया। कहा, ‘आज मैं भले ही तीनों सेनाओं का सुप्रीम कमांडर हूं, लेकिन मुझे गांव के फौजी आज भी याद हैं। जयवीर सिंह भदौरिया और गोरेनाथ सिंह आज भी मुझे याद हैं। मैं गांव की उन स्मृतियों को कभी भुला नहीं सकता हूं।’

मुख्यमंत्री ने किया सैल्यूट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सैल्यूट किया। कहा, राष्ट्रपति ने अपने पैतृक आवास को मिलन केंद्र के लिए राज्य सरकार को दान कर दिया। अपने जीवन भर की कमाई से गांव के झलकारी बाई इंटर कॉलेज की स्थापना की और उसे भी राज्य सरकार को दान कर दिया। राष्ट्रपति की ही देन है कि परौंख आज देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहा है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘गांव के लोगों को भी राष्ट्रपति और उनके परिवार के प्रति अगाध प्रेम है। गांव के लोगों ने ही उनके पिता की स्मृति में गांव के पथरी देवी मंदिर को विकसित किया। जिसकी नींव उन्होंने कई साल पहले रखी थी।’ मुख्यमंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि यूपी के वाराणसी लोकसभा से सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति कानपुर देहात के परौंख गांव से हैं। यूपी के दोनों लोग देश को नई दिशा दे रहे हैं। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है।


अभिनंदन समारोह में पहुंचने से पहले राष्ट्रपति कोविंद ने परिवार के साथ परौंख स्थित कुल देवी पथरी देवी के दर्शन किए। मंदिर के पुजारी केके वाजपेयी ने बताया कि राष्ट्रपति ने 11 हजार रुपए दान के रूप में दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी रहीं।


महामहिम का काफिला जब मंदिर से उनके पुश्तैनी घर पहुंचा तब स्थानीय लोगों ने फूलों की बारिश करके उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की गाड़ियों पर भी पुष्पवर्षा की। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में इसका जिक्र भी किया। कहा, जब गांव के लोग पुष्पवर्षा कर रहे थे तो राजपाल आनंदीबेन पटेल अचंभित रह गई, आनंदीबेन पटेल ने उनसे कहा कि यह मैंने पहली बार देखा है कि गांव वाले आपसे इतना प्यार करते है।
राष्ट्रपति जिस स्कूल में पढ़े थे वहां भी पहुंचे। अब ये मॉडल प्राइमरी स्कूल हो गया है। उस जमाने में यह प्राइमरी स्कूल पेड़ के नीचे और बहुत ही जीर्ण शीर्ण हालात में था। अब इसे मॉडल प्राइमरी स्कूल बना दिया गया है।
इसके अलावा राष्ट्रपति के पैतृक गांव परौंख में एक भी इंटर कॉलेज नहीं था। इसके चलते गांव के अधिकांश बच्चे 8वीं के बाद पढ़ाई छोड़ देते थे। गांव के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए साल 2000 में राष्ट्रपति ने इंटर कॉलेज की नींव रखी थी। इसमें परौंख के साथ ही आस-पास के 500 से ज्यादा छात्र-छात्राएं मौजूदा समय में पढ़ाई करते हैं। यहां भी पहुंचकर राष्ट्रपति ने जायजा लिया।

गांव में राष्ट्रपति के माध्यम से एक अंबेडकर पार्क विकसित किया गया है। इस पार्क में पहुंचकर उन्होंने अंबेडकर प्रतिमा का माल्यार्पण किया। यहां एक छोटी सी लाइब्रेरी भी बनाई गई है। राष्ट्रपति ने इसका भी शुभारंभ किया।

भगवान भोलेनाथ के भी दर्शन किए

राष्ट्रपति कोविंद ने अपने घर के पास बने शिव जी के प्राचीन मंदिर में भी मत्था टेका। अंदर उनके साथ उनकी पत्नी और बेटी के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं।
राष्ट्रपति के अपने पैतृक गांव परौंख पंहुचते ही गांव वालों में दिखा उनकी एक झलक पाने की होड़ दिखी। जैसे ही उनका हेलीकाप्टर हैलीपैड पर उतरा गांव वाले बाउंडरी की तरफ दौड़े। उनकी गाड़ी जैसे ही मंदिर की तरफ बढ़ी तो उनको देखने के लिए लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।

8:35 बजे- सिविल एयरोड्रम कानपुर से राष्ट्रपति हेलीकॉप्टर से रवाना हुए।
9:05 बजे- परौंख कानपुर देहात पहुंचा राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर।
9:05 से 9:15 बजे- आरक्षित समय
9:25 बजे- राष्ट्रपति परौंख के पथरी देवी मंदिर पहुंचे।
9:40 बजे- अंबेडकर भवन पहुंचे।
9:50 बजे – अपने पैतृक आवास पर बने मिलन केंद्र पहुंचे।
10:10 बजे- झलकारी बाई इंटर कॉलेज पहुंचे।
10:30 से 11:30 बजे तक- जन अभिनंदन समारोह में शामिल हुए।
12:05 बजे- परौंख से पुखरायां के लिए प्रस्थान किया।
12:25 बजे- रामस्वरूप ग्रामोद्योग इंटर कॉलेज पुखरायां पहुंचे।
12:35 बजे- रामस्वरूप ग्रामोद्योग इंटर कॉलेज से सरदार पटेल प्रतिमा स्थल के लिए निकले।
12:40 बजे- सरदार पटेल प्रतिमा स्थल पहुंचे।
12:40 से 12:50 बजे- सरदार पटेल प्रतिमा पर पुष्पांजलि कार्यक्रम।
2:15 बजे- लंच का समय
2:30 से 3:15 बजे- पुखरायां में जन अभिनंदन समारोह में शामिल हुए।
3:25 बजे- अपने दोस्त सतीश मिश्रा से मिलने राजेंद्र नगर मेन रोड निकट बस स्टॉप पहुंचे।
3:35 बजे- रामस्वरूप ग्रामोद्योग कॉलेज पुखरायां पर बने हेलीपैड से कानपुर के लिए रवाना हुए।

रिपोर्ट – आर डी अवस्थी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *