किसान और सरदार को अपने फायदे के लिए मोहरा बनाना चाहते हैं विपक्षी दल, गुमराह कर रहे टिकैत- रामबाबू द्विवेदी

पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किसी कानून वापसी की घोषणा किए जाने के बाद केंद्रीय कैबिनेट ने भी तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर मुहर लगा दी है और संसद सत्र के पहले दिन ही वापसी की औपचारिकता पूर्ण की जाएगी इसके साथ ही पूरा देश यह देख रहा है कि कई बार तीनों कृषि कानून वापस होने पर अपना प्रदर्शन समाप्त करने का वचन दे चुके किसान संगठन अपना वादा निभाते हैं या नहीं फिलहाल भाकियू के नेता राकेश टिकैत और उनके सहयोगी अपने वादे पर खरे उतरते नहीं दिखाई पड़ रहे।

भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता रामबाबू द्विवेदी ने यह बयान जारी किया है

जिस तरह प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद भी वह अपनी नई मांगों की फेहरिस्त के साथ आंदोलन लंबा चलाने की बात कर रहे हैं उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि पूरा कथित किसान आंदोलन शुरू से ही राजनैतिक एजेंडा का शिकार रहा है।

रामबाबू द्विवेदी ने कहा है कि इस अराजक आंदोलन की वजह से देश के कई हिस्सों में हिंसा हुई कई लोग मारे भी गए सुरक्षाकर्मी भी बड़ी संख्या में घायल हुए और जब यह तीनों कानून वापस से लिए गए हैं तब आंदोलन वापस न लेकर राकेश टिकैत और उनके साथी जनता को यही संदेश दे रहे हैं कि किसानों को अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है उन्हें मोहरा बनाया जा रहा है आंदोलन का उद्देश्य किसानों का भला नहीं किसानों की आर्थिक तरक्की को रोकना और विपक्षी दलों के इशारे पर बीजेपी को राजनीतिक नुकसान पहुंचाना है।

द इंडियन ओपिनियन
लखनऊ

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