किसी भी रूप में तंबाकू लेने वालों के लिए ज्यादा जानलेवा है कोरोनावायरस, पढ़िए डॉक्टरों की चेतावनी!

रिपोर्ट – आराधना शुक्ला

दुनिया भर में कोरोना वायरस का बढ़ता प्रकोप एक बड़ा संकट बन चुका है। अब तक साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है और करोड़ों लोग इसके संक्रमण के शिकार हो चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस कमजोर इम्यून सिस्टम वाले और पहले से ग्रसित किसी न किसी बीमारी वाले व्यक्तियों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।

कोरोना वायरस को लेकर तमाम तरह के सवाल पैदा होते हैं उनमें से एक ये हैं कि  तंबाकू खाने वाले व्यक्तियों के लिए यह वायरस कितना घातक साबित हो सकता है।  दुनिया भर में हर साल अस्सी लाख से ज्यादा लोग तंबाकू के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सेवन से मरते हैं। इनमें सत्तर लाख लोग तंबाकू के सीधे तौर पर प्रयोग से मरते हैं।भारत के सन्दर्भ में यह सवाल महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि विश्व की कुल तंबाकू खपत का 12 प्रतिशत भारत में इस्तेमाल किया जाता है और 70 प्रतिशत युवा तंबाकू का किसी न किसी रूप में सेवन कर रहे हैं।
कोरोना वायरस सीधे तौर पर श्वसन तंत्र में हमला करता है। क्यूँकि तंबाकू इस्तेमाल करनें वाले लोगों के फेफड़े और इम्यून सिस्टम दोनों ही कमजोर होते हैं इसलिए इनमें कोरोना का संक्रमण ज्यादा तेजी से हमला करता है।

तंबाकू का इस्तेमाल उन व्यक्तियों में भी घातक साबित हो सकता है जो किसी न किसी गैर संचारी बीमारी जैसे- कार्डियोवैस्कुलर, कैंसर, श्वसन तंत्र संबंधी बीमारी जैसे- अस्थमा, इसके अलावा मधुमेह आदि में भी घातक साबित हो सकता है।
इस संबंध में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ बी सी गोस्वामी का कहना है,  हाल में प्रकाशित एक अध्ययन में रोगियों का विश्लेषण करने पर पाया गया कि जिनमें धूम्रपान करने का इतिहास रहा है उन व्यक्तियों में आम लोगों की अपेक्षा 14 प्रतिशत अधिक संक्रमण का खतरा होता है। इसके अलावा उनमें  निमोनिया की तरह दिखने वाले लक्षण मिले हैं। अध्ययन में यह भी पाया गया कि कोरोना वायरस उन व्यक्तियों में कोशिकाओं को जल्दी प्रभावित करता है जो धूम्रपान और तंबाकू का सेवन करते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों के अनुसार धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा अधिक होता है। धूम्रपान करने से फेफड़े कमजोर हो जाते हैं और उनमें संक्रमण से लड़ने की ताकत नहीं रहती जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इस संबंध एक अध्ययन किया गया जिसमे पाया गया कि सिगरेट पीने वालों को संक्रमण का खतरा अधिक होता है। अमेरिका की कोल्ड हार्बर प्रयोगशाला के कैंसर जेनेटीसिस्ट तथा इस अध्ययन से जुड़े प्रमुख लेखक जेसॉन शेल्टाजर ने बताया कि सिगरेट पीने वालों को कोरोना संक्रमण पर खतरा ज्यादा होता है क्योंकि सिगरेट का धुंआ एसीई-2 प्रोटीन में व्यापक रूप से बढ़ोतरी करता है जो की  वायरस के लिए मानव शरीर  की कोशिकाओं में  प्रवेश के लिए माध्यम बनता है।


हालांकि अभी तक कोरोना से मरने वाले व्यक्तियों में कितनी संख्या तंबाकू और धूम्रपान करने वालों की थी इस पर अभी कोई रिपोर्ट या डाटा सामनें नहीं आया है। फिर भी   वैज्ञानिकों की मानें तो सिगरेट पीना और तंबाकू खाना छोड़नें से कोरोना के संक्रमण से कुछ हद तक बचा जा सकता है। इस संदर्भ में इंडोनेशिया के 42 संगठनों नें राष्ट्रपति जोको विडोडो से अपील की है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रमाणित जीवन रक्षक तंबाकू नियंत्रण नीतियों को सख्ती से लागू किया जाए। इससे न केवल गैर संक्रामक रोगों में कमी आएगी बल्कि कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण से भी बचा जा सकेगा।

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