रिपोर्ट – गोविन्द पटेल,
प्रदेश में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नें फरमान जारी किया की शहरी क्षेत्र में 22 घंटे बिजली तो ग्रामिण क्षेत्रो में अठ्ठारह घंटे बिजली हर हाल में दी जायेगी, लेकिन मुख्यमंत्री का यह आदेश जनपद में हवा हवाई साबित हो रही हैं, बाइस घंटा तो दुर चार से पाच घंटे भी बिजली ग्रामिण क्षेत्रो को नही मिल पा रही।
बिजली का बिल तो ग्रामिण भर रहें लेकिन बिजली नसीब नही हो रही है। इस भीषण उमस भरी गर्मी में ग्रामीणों का जिना दुश्वार हो गया तो वही जनपद में मिट्टी का तेल बंन्द हो जानें से ग्रामिण बिजली के अभाव में लालटेन एक अन्धेरे का सहारा था वह भी नही मिल पा रहा हैं। एसे में ग्रामीणों के दुश्वारियों का अन्दाजा सहज लगा सकतें हैं।
शिकायत के बाद भी बिजली विभाग के कानो पर जु तक नही रेंग रहा हैं। जब ग्रामिणों की दुश्वारियों की जानकारी कुशीनगर सांसद बिजय दुबे को हुई तो उन्होनें इसकी शिकायत उर्जा मंत्री से विभाग के कारगुजारियों से अवगत कराया और जनपद में चार से पाच घंटे बिजली मिलनें की शिकायत की लेकिन,
एक सप्ताह बाद विभाग के सेहत पर कोई असर नही पड़ता दिखाई दे रहा हैं। बिजली विभाग रवैया जस का तस बना हुआ हैं ऐसे में अन्दाजा लगाया जा सकता की, विभाग जनप्रतिनिधियों के बातो को कितनी गम्भीरता सें लें रहा।
जब इस सम्बंध में जब विभाग से जानकारी ली गयी तो जेई ने बताया की फिडर के ट्रासफार्मर बदला जा रहा इसलिये बिजली की कटौती हो रही थी अब देखना ए है कि ट्रांसफार्मर बदलने जाने के बाद भी क्षेत्र के लोगों को बिजली की समस्या से निजात मिलती है या इसी तरह झेलना पड़ता है