कोरोनिल पर बाबा रामदेव की “सुप्रीम” विजय! पतंजलि को मिली राहत

रिपोर्ट – नितेश मिश्रा,

कोरोनॉ के समय मे जब सारे देश इस महामारी से निजात पाने के लिए वैक्सीन की तलाश में लगे हुए थे उसी दौरान बाबा रामदेव ने कोरोनॉ से बचाव के लिए “कोरोनिल” दवा बाजार में उतार कर सबको हतप्रभ कर दिया था। इसी समय चेन्नई  की एक कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए यह दावा किया था कि “कोरोनिल” नाम उंस कंपनी के पास वर्ष 1993 से है।
     सुप्रीम कोर्ट ने आज उक्त कंपनी की याचिका को रद्द करते हुए पतंजलि के अपने उत्पाद का ट्रेडमार्क कोरोनिल (Coronil) रखने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। बताते चलें कि याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाते हुए मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी जिसमें कोर्ट ने पतंजलि को कोरोनिल ट्रेडमार्क शब्द का इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी। चेन्नई की कंपनी अरुद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड की इस अर्जी पर सुनवाई से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव की कंपनी पतंजलि को बड़ी राहत दी है।


        उल्लेखनीय है कि मद्रास हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने पहले पतंजलि पर 10 लाख का जुर्माना लगाते हुए इस ट्रेडमार्क के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी लेकिन इसके बाद दो जजों की बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को रद्द करते हुए पतंजलि को राहत देते हुए ट्रेडमार्क इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी, जिसके बाद ही अरुद्रा इंजीनियरिंग ने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के इस फैसले को चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई से इनकार कर दिया. मतलब साफ है कि अब मामला मद्रास हाई कोर्ट में ही चलेगा।

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