गांधीवादी परम्परा की बुनियाद थे प्रभाष जोशी : राजनाथ

बाराबंकी। प्रभाष जोशी ने पत्रकारिता के क्षेत्र में गांधीवादी विचारधारा के प्रवाह को आगे बढ़ाने का काम किया। प्रभाष जी की सोच की बुनियाद ही गांधीवादी दर्शन और नैतिक मूल्यों पर टिकी थी। वह गांधीवादी विचारधारा से जुड़े विभिन्न संगठनों और आयोजनों से सक्रिय रूप से जुड़े रहे। कुछ वर्षो पूर्व ट्रस्टी हेमंत शर्मा ने गांधी जयन्ती के कार्यक्रम में पत्रकार रामबहादुर राय के साथ प्रभाष जी को बाराबंकी भेजा था। यह उनका बाराबंकी का पहला और आखिरी आगमन था। जिसमें उन्होंने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। प्रभाष जी ने कहा कि बाराबंकी में जैसा भव्य गांधी जयन्ती का कार्यक्रम होता है वैसा कार्यक्रम किसी अन्य स्थान पर मैंने नहीं देखा।

उक्त विचार प्रख्यात पत्रकार एवं गांधीवादी चिन्तक स्व प्रभाष जोशी की 85वीं जयन्ती पर गांधी भवन में गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट एवं हिन्दी पत्रकार एसोशिएसन उप्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने व्यक्त किए। इस मौके पर स्व प्रभाष जोशी के चित्र पर मार्ल्यापण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

सभा की अध्यक्षता कर रहे राजनाथ शर्मा ने कहा कि प्रभाष जी गांधी शांति प्रतिष्ठान की गतिविधियों से अनवरत रूप से जुड़े रहे। प्रभाष जी का गांधीवादी विचारों से जुड़ा होने के कारण मेरा उनसे परस्पर एक भावनात्मक लगाव भी हो गया था। प्रभाष जी का जाना गांधीवादी विचारधारा की व्यक्तिगत क्षति भी है। वह व्यक्ति इतना निष्ठावान था कि उसने कभी भी धन, धर्म या सत्ता की राजनीति को स्वयं पर हावी नहीं होने दिया।

हिन्दी पत्रकार एसोशिएसन के जिलाध्यक्ष पाटेश्वरी प्रसाद ने कहा कि प्रभाष जोशी नें अपने पत्रकारीय लेखन से हिन्दी पत्रकारिता को सम्मान और प्रतिष्ठा दिलवाई। उन्होनें हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए। वह जनसत्ता में लगातार समकालीन विषयों और मुद्दों पर लिखते रहे। वे पत्रकारिता में आम आदमी के अनुकूल शब्दों के प्रयोग करने के पैरोकार थे।

ग्रामीण पत्रकार कल्याण एसोशिएसन के जिलाध्यक्ष संतोष शुक्ला ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में स्व प्रभाष जोशी का अतुल्यनीय योगदान रहा। प्रभाष जी पत्रकारिता के क्षेत्र में मूल्यों की लड़ाई में अकेले योद्धा थे। वह सैनिक थे और सेनानायक भी। उन्होंने जो कुछ पत्रकारिता के क्षेत्र में शुरू किया, उसका प्रवाह रुकने न पाए, यह आगे आने वाली पीढ़ी को देखना होगा।

सभा में धनंजय शर्मा, विनय कुमार सिंह, मृत्युंजय शर्मा, सत्यवान वर्मा, रंजय शर्मा, मनीष सिंह, संजय सिंह, नीरज दूबे, मनीष सिंह, अनिल यादव सहित कई लोग मौजूद रहे।

रिपोर्ट- मोहित शुक्ला

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