चीन भारत के सभी पड़ोसी देशों को अपने जाल में फंसाकर रखना चाहता है। श्रीलंका और पाकिस्तान तो पूरी तरह से उसकी जाल में फंसे ही हैं, साथ ही वह समय-समय पर नेपाल को भी साधने के प्रयास करता रहता है। चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के अध्यक्ष ली झांशु अगले सप्ताह काठमांडू का दौरा करेंगे और इस दौरान वह नेपाल के शीर्ष नेतृत्व के साथ वार्ता करेंगे।
भारत और नेपाल के रिश्तों में खटास भी देखी गई है. अब जबकि नेपाल में चुनाव होने हैं तो फिर से ड्रैगन यहां अपना प्रभाव बनाने में लग गया है। झांशु वैसे तो अपने दौरे पर सबसे मिल रहे हैं, लेकिन वह ये दौरा एक खास मिशन के तहत कर रहे हैं, इस दौरे पर वह पूर्व प्रधानमंत्री एवं नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी से भी मिलेंगे।
नेपाल यात्रा के दौरान ली झांशु राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से मुलाकात करेंगे। नेपाल में इसी साल 20 नवंबर को चुनाव प्रस्तावित हैं। ऐसे में चुनाव से पहले चीन के सबसे बड़े कम्युनिस्ट अधिकारी की नेपाल यात्रा के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
अध्यक्ष ली, प्रतिनिधिसभा के अध्यक्ष अग्नि प्रसाद सपकोटा के निमंत्रण पर 12 सितंबर को नेपाल का दौरा करेंगे। ली झांशु चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग प्रधानमंत्री ली केकियांग के बाद तीसरे सबसे बड़े नेता हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’