टिकैत के आंदोलन में उमड़ी भीड़, केंद्रीय मंत्री बोले दंगा भड़काने और राजनीति करने वालों का मंच!

मुज़फ्फरनगर : किसान महा पंचायत को लेकर जंहा देश के कोने कोने से लाखो की संख्या में किसान मुज़फ्फरनगर पहुंचे है वंही पंचायत में बढ़ती भीड़ और पंचायत के मंच पर गुलाम मोहमंद जौला को मंच दिए जाने को लेकर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा है की ऐसे लोग जिन्होंने मुज़फ्फरनगर को साम्प्रदायिक दंगो की आग में झोका और वो पंचायत के मंच पर बैठे है तो इसका जवाब मुज़फ्फरनगर की जनता पंचायत के आयोजकों से मांगेगी। किसान पंचायत का मंच राजनैतिक रूप ले रहा है स्वगत है इनका क्योंकि सभी को अधिकार है राजनीती करने का। अगर कोई राजनीती में आना चाहता है तो उनका स्वागत है।

मुज़फ्फरनगर : संयुक्त किसान मोर्चा और टिकैत बंधुओ द्वारा आयोजित किसान महा पंचायत में उम्मीद से ज्यादा किसानो की भीड़ देखी जा रही है शनिवार सुबह से किसानो की भोड़ लगातार मुज़फ्फरनगर पहुँच रही है केवल पंजाब से लगभग 2 लाख किसान ट्रेन ,बस और निजी वाहनों से मुज़फ्फरनगर आ रहे है। जनपद की सभी मार्गो पर 20 किलोमीटर के दायरे में किसानो का हुजूम नजर आ रहा है।

हालाँकि लोकल किसान पंचायत में नहीं पहुंचा लेकिन बावजूद इसके पंजाब हरियाणा ,हिमाचल राजस्थान ,और उत्तराखंड से सिख और जाट समाज से 3 लाख से ज्यादा किसान पंचायत स्थल के आलावा सड़को पर झंडा लिए नजर आ रहे है। वंही किसान महा पंचायत पर संयुक्त किसान मोर्चा के साथ साथ सर्व खाप के चौधरियो को मंच दिया गया है। भारतीय किसान मजदुर संगठन के अध्यक्ष गुलाम मोहमंद जौला को पंचायत में मंच दिए जाने को लेकर शियासत गरमा गयी है। ये वही गुलाम मोहमंद जौला है जो 80 के दसक से बाबा महेंद्र सिंह टिकैत के साथ बड़े बड़े आंदोलन में रहे। 2013 के दंगो के बाद गुलाम मोहमंद जौला ने भारतीय किसान यूनियन से दूरी बना ली।

इन पर मुज़फ्फरनगर 2013 दंगो में साम्प्रदायिक उन्माद फ़ैलाने के आरोप भी लगे लेकिन इनके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। राकेश टिकैत और नरेश टिकैत से दूरियां बना गुलाम मोहमंद जौला दूसरी बार भारतीय किसान यूनियन की पंचायत में नजर आये। खाप चौधरियो के साथ पंचायत में गुलाम मोहमंद जौला को मंच दिए जाने पर केंद्रीय मंत्री ने साफ कर दिया है ये पंचायत किसानो की नहीं बल्कि राजनैतिक लोगो द्वारा आयोजित की गयी है। संजीव बालियान ने कहा है की में ये कहना चाहता हूँ जो इस पंचायत के आयोजक है।

उनकी जिम्मेदारी और जवाबदेही है की वो माहौल को ठीक रखे और शांतिपूर्ण तरीके से पंचायत का निस्तारण हो हमारे जनपद और हमने पिछले कई सालो से ख़राब दिन देखे है कुछ लोग बाहर से आते है और माहौल ख़राब कर देते है और फिर उस माहौल को ठीक करने की जिम्मेदारी हमारी होती है अब मुज़फ्फरनगर विकाश के पथ पर अग्रसर है पिछले कुछ वर्षो से शांतपूर्ण रहा है मुझे उम्मीद है की पंचायत के आयोजक अपनी जिम्मेदारी निभायेंगे। इसका जवाब मुज़फ्फरनगर की जनता मांगेगी की ऐसे लोग जिन्होंने मुज़फ्फरनगर को साम्प्रदायिक दंगो की आग में झोका और वो पंचायत के मंच पर बैठे है तो इसका जवाब मुज़फ्फरनगर की जनता पंचायत के आयोजकों से मांगेगी। किसान पंचायत का मंच राजनैतिक रूप ले रहा है स्वगत है इनका क्योंकि सभी को अधिकार है राजनीती करने का। अगर कोई राजनीती में आना चाहता है तो उनका स्वागत है।

संजीव बालियान (केंद्रीय मंत्री ) में ये कहना चाहता हूँ जो इस पंचायत के आयोजक है उनकी जिम्मेदारी और जवाबदेही है की वो माहौल को ठीक रखे और शांतिपूर्ण तरीके से पंचायत का निस्तारण हो हमारे जनपद और हमने पिछले कई सालो से ख़राब दिन देखे है कुछ लोग बाहर से आते है और माहौल ख़राब कर देते है और फिर उस माहौल को ठीक करने की जिम्मेदारी हमारी होती है अब मुज़फ्फरनगर विकाश के पथ पर अग्रसर है पिछले कुछ वर्षो से शांतपूर्ण रहा है मुझे उम्मीद है की पंचायत के आयोजक अपनी जिम्मेदारी निभायेंगे। इसका जवाब मुज़फ्फरनगर की जनता मांगेगी की ऐसे लोग जिन्होंने मुज़फ्फरनगर को साम्प्रदायिक दंगो की आग में झोका और वो पंचायत के मंच पर बैठे है तो इसका जवाब मुज़फ्फरनगर की जनता पंचायत के आयोजकों से मांगेगी। किसान पंचायत का मंच राजनैतिक रूप ले रहा है स्वगत है इनका क्योंकि सभी को अधिकार है राजनीती करने का। अगर कोई राजनीती में आना चाहता है तो उनका स्वागत है।

रिपोर्ट – संजीव कुमार, मुजफ्फरनगर

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