रिपोर्ट – दीपक मिश्रा
चीन और भारत के बीच हिंसक संघर्ष और युद्ध के हालात को देखते हुए पाकिस्तान भी भारत से लगती हुई अपनी सीमाओं पर “मौके का फायदा” उठाने की फिराक में है। भारत और चीन के बीच हिंसक संघर्ष के बाद पाकिस्तानी फौज और आईएसआई के अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक इस्लामाबाद स्थित आईएसआई के मुख्यालय में हुई है जिसमें पाकिस्तानी सेना के तीनों अंगों के बड़े अधिकारियों ने हिस्सा लिया है।
भारत और चीन के बीच हिंसक संघर्ष के बाद पाकिस्तान ने इस हालात को बहुत गंभीरता से लिया है और आईएसआई मुख्यालय में पाकिस्तानी सेना के तीनों अंगों के प्रमुख के साथ-साथ चीफ आफ ज्वाइंट स्टाफ यानी तीनों सेनाओं का नेतृत्व और तालमेल देखने वाले जनरल नदीम रजा भी शामिल हुए जिन्हें पाकिस्तान की सेनाओं का सबसे शक्तिशाली अधिकारी माना जाता है।
पाकिस्तानी सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी सरकार ने आई एस आई के सुझाव पर भारतीय सीमाओं पर अपनी रणनीति में बदलाव किया है पाकिस्तान की तीनों सेनाओं को सतर्क रहने के लिए कहा गया है और भारत में पिछले कुछ दिनों में 100 से अधिक पाकिस्तानी एजेंटों और आतंकियों के मारे जाने के बाद काफी नुकसान उठा चुकी आईएसआई और पाकिस्तानी सेना चीन और भारत के बीच पैदा हुए ताजे “हालातों का फायदा” उठाना चाहते हैं।
जानकारों के मुताबिक इन हालातों में पाकिस्तानी सीमाओं पर भारत के अंदर आतंकवादियों की घुसपैठ और संवेदनशील क्षेत्रों में आतंकी हमले बढ़ने की भी संभावनाएं हैं क्योंकि यह जगजाहिर है कि चीन और पाकिस्तान दोनों पिछले कई वर्षों से भारत को नुकसान पहुंचाने की संयुक्त रणनीति पर काम कर रहे हैं और अब उनके गठजोड़ में नेपाल की वर्तमान सरकार भी शामिल हो गई है।