रिपोर्ट – अराधना शुक्ला
*मोदी सरकार की स्वामित्व स्कीम: ग्रामीणों को मिलेगा मालिकाना हक।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायती राज दिवस के मौके पर शुक्रवार को ‘स्वामित्व’ स्कीम का अनावरण किया। इस स्कीम के माध्यम से गांवों की ड्रोन द्वारा मैपिंग की जाएगी, जिससे ग्रामीणों को अपनी संपत्ति का प्रमाण पत्र मिल सकेगा। प्रमाण पत्र मिलने से उन्हें उनकी संपत्ति का मालिक होने का दर्जा मिल सकेगा। अभी तक गांवों में लोगों के बीच संपत्ति को लेकर झगड़े होते रहते हैं। इस प्रकार विवादित जमीन या संपत्ति से उन्हें कोई फायदा नहीं मिल पाता है। पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ड्रोन से मैपिंग के द्वारा ग्रामीणों को अपनी संपत्ति का प्रमाण पत्र मिलेगा, जिससे उन्हें अपनी संपत्ति का मालिकाना हक मिल सकेगा।
प्रधानमंत्री मोदी पंचायती राज दिवस के अवसर पर सरपंचों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने ‘स्वामित्व’ योजना के बारे में कहा कि इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में नियोजन तथा राजस्व संग्रह को सुचारू बनाने और संपत्ति के अपने अधिकारों पर निर्विवाद रूप से समाधान में भी सहायता मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोनावायरस में हमें एक चीज दिखा दी है और वह है आत्मनिर्भर बनना सा मित्र योजना इसी पहल का एक हिस्सा है। ग्रामीणों को अपनी संपत्ति का मालिकाना हक मिलनें से उन्हें कई तरह के फायदे होंगें। शहरों की तरह गांव में भी लोग अपनी संपत्ति को दिखाकर बैंक से लोन ले सकेंगे जिससे उन्हें फायदा होगा पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जब गांव की प्रगति होगी तभी देश और लोकतंत्र का विकास होगा इसलिए सबसे पहले गावों को सशक्त बनाना होगा।
*ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और मोबाइल एप्लीकेशन का अनावरण-
प्रधानमंत्री नें राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर एकीकृत ‘ई-ग्राम स्वराज’ पोर्टल और मोबाइल एप्लीकेशन का उद्घाटन किया। यह पंचायती राज मंत्रालय की एक नई पहल है, जिसमें एक ही प्लेटफार्म पर सारी जानकारी मिल सकेगी।
इसके जरिए ग्राम पंचायतों को अपने ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार करने और लागू करने के लिए एक एकीकृत प्लेटफार्म उपलब्ध होगा। इसके अलावा यह निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ई-ग्राम स्वराज यानी सिंपलीफाइड वर्क अकाउंट एप्लीकेशन फॉर पंचायती राज, पंचायतों को डिजिटलीकरण करने की कोशिश है। आने वाले समय में इसके माध्यम से पंचायतों के कार्यों का लेखा-जोखा एक सिंगल प्लेटफॉर्म के माध्यम से संभव होगा।