प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने “इंडियन स्पेस एसोसिएशन” का वर्चुअली उद्घाटन किया।

नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि एअर इंडिया पर लिया गया फैसला हमारी प्रतिबद्धता और गंभीरता को दिखाता है। गरीबों के घरों, सड़कों और दूसरे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में सैटेलाइट से ट्रैकिंग हो या नाविक टेक्नोलॉजी, ये सभी गवर्नेंस को पारदर्शी बनाने में मदद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आज अगर भारत दुनिया की टॉप डिजिटल इकोनॉमी में आगे है तो इसकी वजह है कि हमने गरीब से गरीब व्यक्ति के बीच भी डेटा को सुलभ बनाया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को इनोवेशन का नया सेंटर बनाना है। उन्होंने कहा कि भारत उन गिने-चुने देशों में है, जिसके पास एन्ड टु एन्ड टेक्नोलॉजी है। हमने एफिशिएंसी को ब्रांड का अहम हिस्सा बनाया है। स्पेस एक्सप्लोरेशन की प्रोसेस हो या स्पेस की टेक्नोलॉजी हो, इसे हमें निरंतर एक्सप्लोर करना है। एक पार्टनर के तौर पर इंडस्ट्रीज को युवा इन्वेंटर को सपोर्ट कर रही है और करती रहेगी।

पीएम मोदी ने कहा कि हमने देखा है कि 20वीं सदी में स्पेस और स्पेस पर राज करने की प्रवृत्ति ने दुनिया के देशों को किस तरह विभाजित किया। अब 21वीं सदी में स्पेस दुनिया को जोड़ने में अहम भूमिका निभाए, ये भारत को सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय स्पेस सेक्टर, 130 करोड़ देशवासियों की प्रगति का एक बड़ा माध्यम है। हमारे लिए स्पेस सेक्टर यानी, सामान्य मानवी के लिए बेहतर मैपिंग, इमेजिंग और कनेक्टिविटी की सुविधा! हमारे लिए स्पेस सेक्टर यानी, इंटरप्रिन्योर के लिए शिपमेंट से लेकर डिलीवरी तक बेहतर स्पीड है।

प्रधानमंत्री ने जय प्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख को भी याद किया। उन्होंने कहा कि आज देश के दो महान सपूतों, भारत रत्न जय प्रकाश नारायण जी और भारत रत्न नानाजी देशमुख की जन्म जयंती है। आजादी के बाद के भारत को दिशा देने में इन दोनों महान व्यक्तित्वों की बहुत बड़ी भूमिका रही है। सबको साथ लेकर, सबके प्रयास से, राष्ट्र में कैसे बड़े-बड़े परिवर्तन आते हैं, इनका जीवन दर्शन हमें आज भी इसकी प्रेरणा देता है। मैं जय प्रकाश नारायण जी और नानाजी देशमुख जी को नमन करता हूं।

देश ने पिछले कुछ सालों में अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में काफी प्रगति की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के भी कई लॉन्च सफल रहे हैं। हालांकि, कोरोना की वजह से इनमें से कुछ अंतरिक्ष मिशनों के कार्यक्रम में देरी आई है। देश के पहले सौर मिशन के 2022 की तीसरी तिमाही में लॉन्च होने की संभावना है। अगले साल भारत की दूसरी अंतरिक्ष वेधशाला एक्सपोसैट भी लॉन्च होगी। वहीं, गगनयान मिशन भी 2022 के अंत तक या 2023 की शुरुआत में शुरू होने की संभावना है।

रिपोर्ट – आर डी अवस्थी

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