प्रयागराज में पौष पूर्णिमा पर संगम तट पे लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी में किया स्नान, प्रशासन चौकस। The Indian Opinion

-संगम नगरी प्रयागराज के माघ मेले में आज पौष पूर्णिमा का स्नान पर्व है इस मौके पर गंगा- यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में लाखो श्रद्धालु त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा रहे है। पूर्णिमा का स्नान भोर से ही शुरू हो गया है।

पौष पूर्णिमा पर बड़ी तादात में श्रद्धालु भी गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर अपने लिए मोक्ष की कामना करते है। हालांकि प्रयागराज में सुबह से ही हल्का कोहरा छाया हुआ है लेकिन लोगों की आस्था इस कोहरे पर भारी पड़ रही है। इस मेले में सुरक्षा व्ययस्था के भी कड़े इंतजाम किए गए है।

पौष पूर्णिमा के स्नान के बाद से ही माघ महीने की शुरुआत हो जाती है। प्रयागराज में माघ के महीने में ही हर साल लाखों श्रद्धालु एक महीने तक यहीं रहकर मोह- माया से दूर रहते हुए कल्पवास करते हैं। समूची दुनिया में कल्पवास सिर्फ प्रयागराज में त्रिवेणी के तट पर ही होता है। पौराणिक मान्यता है कि पौष पूर्णिमा के दिन से ही सभी तैंतीस करोड़ देवी-देवता भी संगम की रेती पर आकर एक महीने के लिए अदृश्य रूप से यहाँ विराजमान हो जाते हैं। मान्यताओं के मुताबिक़ संगम की रेती पर कल्पवास करने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह जीवन- मरण के बन्धनों से आज़ाद हो जाता है।

वही हर बार की तरह इस बार भी प्रशासन ने माघ मेला को सकुशल संम्पन कराने के लिए चाक चौबंद वयवस्था कि है। पूरे मेला क्षेत्र में तेरह थाने, अड़तीस पुलिस चौकिया, एक सौ चौहत्तर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। इसी के साथ चार से पांच हज़ार पुलिस बल के साथ ही स्नान के दौरान कोई घटना ने घाटे प्रशासन ने इस बार घाट के नाविकों को कड़े निर्देश दिए कि नाव में उन्हें लाइफ जैकेट रखना अनिवार्य होगा।

किसी तरह की कमी पाये जाने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। साथ ही साथ सभी नाविकों को निर्देश दिए गए है कि वो लाइफ जैकेट रखे। संगम किनारे लगने वाले इस मेले हर साल लाखो की संख्या मे श्रद्धालु दूर दूर से आते है। संगम किनारे रहकर कल्पवास करते है,

स्नान घाट पर इस बार पोल पर नंबरिंग भी की गई है जिससे दूर से आने वाले श्रद्धालु स्नान के बाद बिछड़ने पर अपनी जगह बता सके ।

रिपोर्ट – काशिफ, प्रयागराज