बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन कर, विधानसभा चुनाव के अभियान की शुरूआत।

लखनऊ :मायावती ने स्पष्ट कर दिया कि चुनावी अभियान के केंद्र में ब्राह्मण ही होंगे। उन्होंने मंच से त्रिशूल लहराकर कहा कि हर विधानसभा में पार्टी 1000 ब्राह्मण कार्यकर्ता बनाएगी। ब्राह्मण और सभी वर्गों के लोग 2007 की तरह पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे।
मायावती ने कहा अगले चुनाव में यदि पार्टी की जीत होती है तो इस बार फोकस प्रदेश की नई तस्वीर बनाने पर रहेगा, मूर्तियां और संग्रहालय बनाने पर नहीं। मायावती ने भाजपा पर भी निशाना साधा। कहा- ये लोग एक भाभी जी को लेकर घूम रहे हैं, जो भाजपा के लिए माहौल बना रहीं हैं। भाजपा चाहे जितनी भाभियों को लेकर घूम ले, लेकिन उनकी सरकार नहीं बनने वाली। हमने दलित आदिवासी समाज के संतों और गुरुओं को सम्मान दिया। दूसरे वर्गों के लोग चाहते हैं कि उनके संतों और गुरुओं को सम्मान दिया जाए तो उन्हें भी दिया जाएगा।


मायावती ने कहा कि इस बार जब हमारी सरकार बनेगी तो मेरी ताकत मूर्तियां और संग्रहालय बनाने में नहीं लगेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदलने में लगेगी।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सपा और भाजपा की सरकारों ने संपूर्ण रूढ़िवादी सोच के चलते सर्व समाज से गरीबों, मजदूरों, कर्मचारियों, किसानों, छोटे व्यापारियों, दलितों, पिछड़ों और वंचितों का उत्पीड़न किया। हम सभी का ध्यान रखेंगे।
वे बोलीं कि भाजपा सरकार में ब्राह्मण समाज के लोगों का खूब उत्पीड़न हुआ। हमने सरकार बनने पर ब्राह्मण समाज के लोगों का मंत्रिमंडल में भी सम्मानजनक स्थान दिया। मैं ब्राह्मण समाज से वादा करती हूं कि सरकार बनने पर ब्राह्मण समाज की सुरक्षा, सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाएगा।


उन्होंने कहा कि पहले चरण में सतीश चंद्र मिश्रा ने ब्राह्मण वर्ग को सफलतापूर्वक जोड़ने का काम किया। दूसरे चरण में छोटे शहरों और गांवों में युद्ध स्तर पर लोगों को बसपा से जोड़ने का अभियान चलाया जाएगा। हर विधानसभा में ब्राह्मण समाज के 1000 कार्यकर्ताओं को तैयार करना है। इस बार प्रबुद्ध वर्ग की महिलाओं को भी पार्टी के साथ जोड़ने का काम होगा। बसपा में ब्राह्मणोंकी भागीदारी ने विरोधी पार्टियों को चिंतित किया है। इनके अत्याचार से परेशान लोगों ने हमारी पार्टी का साथ देने का फैसला किया है।
मायावती ने कहा- भाजपा सरकार में किसानों की आय दोगुनी तो नहीं हुई, लेकिन तीन काले कृषि कानून लाकर उन पर अत्याचार जरूर किया गया। किसानों के साथ बहुजन समाज पार्टी संसद से सड़क तक साथ खड़ी है। 500 से ज्यादा किसानों की जान चली गई, लेकिन उनकी सुध लेने वाला नहीं है। हरियाणा सरकार ने अत्याचार करते हुए किसानों पर लाठीचार्ज किया। बसपा सरकार में गन्ने का मूल्य 125 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 250 रुपए प्रति क्विंटल किया गया था। सपा सरकार ने अपने 5 साल के कार्यकाल में केवल एक बार ही गन्ने का मूल्य बढ़ाया।


बसपा प्रमुख ने संघ प्रमुख पर भी निशाना साधा। वे बोलीं कि मोहन भागवत ने कहा था कि हिंदू और मुसलमान का डी एन ए एक है और उनके पूर्वज एक हैं, मैं पूछना चाहती हूं कि अगर उनके पूर्वज एक हैं तो भाजपा द्वारा उनके साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है ?
2019 लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार मायावती पहली बार सार्वजनिक कार्यक्रम के मंच पर गईं। बसपा ने 23 जुलाई को राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की अगुवाई में अयोध्या से प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी (ब्राह्मण सम्मेलन) की शुरुआत की थी। आज लखनऊ में मॉल एवेन्यू स्थित पार्टी कार्यालय पर इस अंतिम प्रबुद्ध वर्ग के सम्मेलन का समापन हुआ। अब तक 74 जिलों में सम्मेलन हो चुके हैं। समापन सम्मेलन में सभी 75 जिलों के सम्मेलनों के ब्राह्मण कोऑर्डिनेटर को भी बुलाया गया।


उत्तर प्रदेश की राजनीति में ब्राह्मणों का वर्चस्व हमेशा से रहा है। आबादी के लिहाज से प्रदेश में लगभग 13% ब्राह्मण हैं। कई विधानसभा सीटों पर तो 20% से ज्यादा वोटर्स ब्राह्मण हैं। ऐसे में हर पार्टी की नजर इस वोट बैंक पर टिकी है। बलरामपुर, बस्ती, संत कबीर नगर, महाराजगंज, गोरखपुर, देवरिया, जौनपुर, अमेठी, वाराणसी, चंदौली, कानपुर, प्रयागराज में ब्राह्मण वोट 15% से ज्यादा हैं। यहां उम्मीदवार की हार-जीत में ब्राह्मण वोटर्स की अहम भूमिका होती है।
2017 में 56 सीटों पर ब्राह्मण उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी। 2007 में मायावती की अगुआई में BSP ने ब्राह्मण+दलित+मुस्लिम समीकरण पर चुनाव लड़ा तो उनकी सरकार बन गई। बसपा ने इस चुनाव में 86 टिकट ब्राह्मणों को दिए थे।
यूपी में पिछले 3 साल से ब्राह्मण BJP से नाराज बताए जा रहे हैं। इसके पीछे कई तर्क दिए जा रहे हैं। सबसे पहला कि योगी मंत्रिमंडल में ब्राह्मणों को सही तरजीह नहीं दी गई। 56 मंत्रियों के मंत्रिमंडल में 8 ब्राह्मणों को जगह दी गई। दिनेश शर्मा और श्रीकांत शर्मा को छोड़ किसी को अहम विभाग नहीं दिए गए। 8 क्षत्रियों को भी मंत्री बनाया गया और उन्हें ब्राह्मणों से बेहतर विभाग दिए गए।

रिपोर्ट – आर डी अवस्थी

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