बाराबंकी: बुढवल शुगर मिल दे सकती है घर लौटे मजदूरों को रोजगार, कांग्रेस नेता ने उठाया मुद्दा!

रिपोर्ट – देवव्रत शर्मा

एक जमाने में बाराबंकी की बुढवल शुगर मिल की चर्चा आज आसपास के कई जनपदों में होती थी और कई जिलों के किसानों मजदूरों और व्यापारियों को बूढ़वल शुगर मिल की वजह से अपना घर परिवार चलाने में सहायता मिलती थी।

बाराबंकी के रामनगर तहसील क्षेत्र के लिए तो बुढवल शुगर मिल वरदान थी आसपास की बाजारे और किसानों के घर परिवार भी शुगर मिल की वजह से आर्थिक संपन्नता से जुड़े हुए थे।
बुढवल शुगर मिल के चलते रामनगर तहसील क्षेत्र फतेहपुर और गोंडा बहराइच जिलों के भी लाखों किसान गन्ने की खेती करते थे और बुढवल शुगर मिल में गन्ना देकर उन्हें अच्छी कमाई होती थी।
वही बुढवल शुगर मिल में काम करने वाले हजारों परिवार ट्रांसपोर्ट ट्रक और ट्रैक्टर चालक भी मिल के सहारे ही अपनी जीविका चलाते थे।

लेकिन दो दशक पहले सरकारी लापरवाही के चलते उत्तर प्रदेश सरकार के चीनी निगम की इकाई बुढवल शुगर मिल बंद हो गई। कांग्रेस के नेता ज्ञानेश शुक्ला ने इस मामले को एक बार फिर से उठाते हुए सरकार से गुजारिश की है कि बुढवल शुगर मिल को जल्दी चालू करवाया जाए यह शुगर मिल यदि चल जाती है तो लॉक डाउन के चलते तमाम औद्योगिक क्षेत्रों से बाराबंकी वापस लौटे हजारों मजदूरों को बुढवल शुगर मिल में काम मिल सकता है और हजारों परिवारों की खुशियां लौट सकती हैं।

उन्होंने समाजवादी पार्टी और भाजपा के वर्तमान विधायक पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि सपा के नेताओं ने अपनी सरकार के दौरान बुढवल शुगर भी चालू करवाने का झूठा वादा किया था और भाजपा के लोगों ने भी कहा था कि सरकार आने पर बुढवल शुगर मिल चालू करवाई जाएगी लेकिन वर्तमान प्रदेश सरकार को 3 साल बीत चुके हैं और बुढवल शुगर मिल की मशीनें कबाड़ में तब्दील हो रही है अब जबकि सरकार लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने की बात कर रही है तो बंद पड़ी बिल को चालू करवा कर हजारों परिवारों को सहारा दिया जा सकता है।

कांग्रेस नेता ज्ञानेश शुक्ला ने रामनगर के उप जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन बेकार बुढवल शुगर मिल जल्दी चालू करवाने की मांग की।

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