बाराबंकी: प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे जनपद बाराबंकी में कृषि कानूनों के खिलाफ किसान महापंचायत का आयोजन हरख क्षेत्र में किया गया जिसमें हजारों की संख्या में किसान उपस्थित रहे इस सभा को संबोधित करने के लिए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत मौजूद रहे जहां पर नरेश टिकैत ने किसानों को संबोधित किया और भाजपा को जमकर घेरा।
किसान महापंचायत में आए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत से द इंडियन ओपिनियन के विशेष संवाददाता नितेश मिश्रा एक्सक्लूसिव बातचीत में नरेश टिकैत ने कहा कि किसान पंचायत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में चल रही है जिस के क्रम में बाराबंकी में भी महापंचायत का आयोजन किया गया है और महापंचायत के साथ-साथ आंदोलन भी पूर्व से चल रहा है परंतु इस पर सरकार के पेट में दर्द क्यों हो रहा है, सरकार विभिन्न जिलों में धारा 144 लागू कर रही है जबकि किसानों को पंचायत के माध्यम से अपनी बात रखने का अधिकार है।
वही अपनी बात को जारी रखते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि हम किसानों ने ही इस सरकार को बहुमत दिलाया और सरकार बनाई और पहले ही आंदोलन में सरकार फेल नजर आ रही है जबकि भाजपा को 90% किसानों ने वोट दिया है और आज वही भाजपा सरकार इन किसानों के विरोध में हैं। उन्होंने कहा सरकार का यह जिद्दी व्यवहार और हठधर्मिता बिल्कुल ठीक नहीं है।
नरेश टिकैत ने कहा की आंदोलन विगत सरकारों में भी हुए हैं या कोई नई बात नहीं है कि अब आंदोलन हो रहे हैं पूर्ववर्ती सपा कांग्रेस की सरकारों में भी किसान आंदोलन किए गए हैं लेकिन यह सरकार हठधर्मिता दिखा रही है। सरकार पर आरोप लगाते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार इस आंदोलन को हिंसा की तरफ भी मोड़ना चाहती है परंतु हम ऐसा होने नहीं देंगे। हम शांति पूर्वक अपना आंदोलन चला रहे हैं और यह आंदोलन शांतिपूर्वक इसी प्रकार चलता रहेगा।
अपनी बात को समाप्त करते हुए नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों को आंदोलनजीवी शब्द और नाली के कीड़े जैसे शब्द कहे गए जिससे किसानों के स्वाभिमान को ठेस पहुंची है और किसान के सम्मान को भी ठेस पहुंची है। सरकार ने ऐसा कह कर अपनी कब्र खोदने जैसा कार्य किया है टिकैत ने आगे कहा कि सरकार के कारनामे ऐसे हो चुके हैं सरकार की नीति व्यवहार और बोलचाल बहुत ही गलत है जिसे कोई भी किसान कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
जनपद बाराबंकी से द इंडियन ओपिनियन के लिए विशेष संवाददाता नितेश मिश्रा की रिपोर्ट