द इंडियन ओपिनियन लखनऊ
अपने बेटे अखिलेश यादव के राजनैतिक भविष्य को लेकर चिंतित मुलायम सिंह यादव बुढ़ापे और बीमारियों के बावजूद सियासी दांवपेच पूरी होशियारी के साथ आजमा रहे हैं। 2017 में अखिलेश यादव के नेतृत्व में की समाजवादी पार्टी की करारी हार हुई थी और भाजपा पूर्ण बहुमत से सत्ता में काबिज है अब मुलायम सिंह यादव को अखिलेश के भविष्य की चिंता हो रही है और वह अखिलेश की बेहतरी के लिए हर तरह के तीर चला रहे हैं ।
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से नज़दीकियां होने के बावजूद मुलायम सिंह यादव पिछले दिनों उनकी अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हुए थे उनके निधन होने पर शव के अंतिम दर्शन करने भी नहीं गए थे फिर भी आज भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतन्त्र देव सिंह कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित किए जा रहे हैं कार्यक्रम में निमंत्रण देने के लिए मुलायम सिंह से मिलने गए थे । स्वतंत्र देव सिंह की शिष्टाचार मुलाकात पर भी मुलायम सिंह यादव ने अपना राजनीतिक दांव चल दिया एक तरफ तो उन्होंने स्वतंत्र से कहा कि बुढ़ापे और बीमारियों की वजह से वह आजकल ज्यादा बाहर नहीं निकल पा रहे दूसरी और उन्होंने कुर्मी समाज से आने वाले स्वतंत्र देव सिंह को समाजवादी पार्टी में शामिल होने का ऑफर देकर हड़कंप भी मचा दिया और बीजेपी के लीडरशिप को चिंता में डाल दिया है।
फिलहाल स्वतंत्र देव सिंह खुद को निष्ठावान भाजपाई बताते हैं लेकिन राजनीतिक में कुछ भी असंभव नहीं है और पिछले कुछ दशकों से जिस तरह से भारतीय राजनीति में अवसरवाद और मुनाफाखोरी चरम पर है उसके बाद कौन नेता किस रास्ते से अपने फायदे की यात्रा पर निकल पड़े कुछ भी कहा नहीं जा सकता।
मजे की बात तो यह है कि अपने पिताजी के सियासी दांव से अखिलेश यादव भी काफी खुश नजर आ रहे हैं उन्होंने खुद फेसबुक पर इस आशय की खबर शेयर करते हुए पिता के सियासी दांव को अपना समर्थन दिया है।