बीजेपी नेता का आरोप “वीआईपी सिंड्रोम” में हैं लखनऊ के डीएम एसडीएम, कोरोना संकट में भी, नहीं उठाते फोन!

रिपोर्ट – दीपक मिश्रा,

राजधानी लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तीन बार जिला अध्यक्ष रह चुके रामनिवास यादव का दर्द है कि उन्होंने पार्टी के लिए जीवन भर संघर्ष किया पुलिस की लाठियां खाकर अपने हाथ पैर तुड़वाए और आज जब उनकी पार्टी सत्ता में है तो अधिकारी उनसे बात नहीं करना चाहते बार-बार संपर्क करने का प्रयास करने पर भी अधिकारी ना तो फोन उठाते हैं ना ही कॉल बैक करते हैं।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में योगी सरकार की कार्यशैली से उनकी पार्टी बीजेपी के ही पुराने नेता सहमत नहीं है। लखनऊ भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष रामनिवास यादव साफ कहते हैं कि, “कोरोना संकट में अधिकारियों को पहले से ज्यादा उपलब्ध होना चाहिए पहले से ज्यादा विनम्र होना चाहिए लेकिन अधिकारी पहले से ज्यादा घमंड में चूर है। अधिकारियों से मिलना इस समय लगभग असंभव है। वह समस्या लेकर आने वालों से मिलने के लिए तैयार नहीं है और मोबाइल फोन पर भी वह उपलब्ध नहीं होना चाहते।


जरूरी कामों के लिए भी फोन करने पर लखनऊ के डीएम और ज्यादातर एसडीएम फोन नहीं उठाते कई बार फोन करने पर भी डीएम और एसडीएम कॉल बैक नहीं करते, ऐसे में तमाम पीड़ित जनता और कार्यकर्ता यदि अपने जरूरी कामों के लिए यह किसी कोरोना पीड़ित के इलाज के लिए कोई समस्या बताते हैं, तो हम लोग सत्ताधारी दल का हिस्सा होते हुए भी मजबूर हो जाते हैं निरुत्तर हो जाते हैं।”

द इंडियन ओपिनियन से बातचीत करते हुए तीन बार जिला अध्यक्ष रहे रामनिवास यादव ने कहा कोरोना संकट लगातार बढ़ता ही जा रहा है।  राजधानी लखनऊ में बुरे हालात से परेशान लोगों को अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल पा रहे बड़े पैमाने पर प्रशासनिक लापरवाही की शिकायत सामने आ रही है डीएम अथवा एसडीएम से बात करना जरूरी होता है जिससे गंभीर बातों से अवगत कराया जा सके ज्यादातर अफसरों का फोन नहीं उठता, लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश भी फोन नहीं उठाते इतना ही नहीं ज्यादातर अफसरों के फोन उनके छोटे कर्मचारियों उठाते हैं और संदेश देने के बाद भी अफसरों का कॉल बैक नहीं आता।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता रामनिवास यादव कहते हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर लखनऊ से लापरवाह अफसरों को हटाने की मांग की है जिससे कोरोना नियंत्रण में आ सके और लोगों को शासन की मंशा के अनुसार सुविधाएं मिल सकें।
लोकतंत्र में अधिकारियों का इस प्रकार से आचरण करना दंभ में रहना आम जनता और जनप्रतिनिधियों को सम्मान न देना बहुत दुखद है।

पूर्व जिला अध्यक्ष के द्वारा लगाए गए आरोपों पर लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश का पक्ष लेने का प्रयास किया गया परंतु उनका मोबाइल फोन उठाने वाले व्यक्ति ने बताया कि “साहब मीटिंग में व्यस्त है।”

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