बॉलीवुड के एक युग का अन्त। नहीं रहे हरदिल अज़ीज़ ‘ट्रेजेडी किंग,’ दिलीप कुमार साहेब।

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार का बुधवार सुबह (7 जुलाई) को निधन हो गया। 98 वर्षीय दिलीप कुमार काफी समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें हाल ही में सांस लेने में परेशानी के चलते हिंदुजाअस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद उनके निधन की खबर आई। दिलीप कुमार के ऑफिशल ट्विटर हैंडल पर उनके निधन की जानकारी दी गई है।उनकी पत्नी और प्रख्यात अभिनेत्री अंतिम समय तक उनके साथ थीं और उनके फैन्स से लगातार उनकी सलामती की दुआ करने की अपील कर रही थीं । फिल्म इंडस्ट्री के लोग और उनके फैंस सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

दिलीप कुमार की निधन की खबर से फिल्म इंडस्ट्री में शोक पसर गया है। सेलेब्स सोशल मीडिया पोस्ट साझा कर अभिनेता को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। बता दें, दिलीप कुमार को सांस में तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय उनके फेफड़ों के बाहर तरल पदार्थ एकत्र हो गया, जिसे चिकित्सकों ने सफलतापूर्वक निकाल दिया था और पांच दिन बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।

पिछले साल, दिलीप कुमार ने अपने दो छोटे भाइयों असलम खान (88) और एहसान खान (90) को कोरोना वायरस के कारण खो दिया था। जिसके बाद उन्होंने अपना जन्मदिन और शादी की सालगिरह भी नहीं मनाई थी। हालांकि, सायरा बानो ने बताया था कि दोनों भाइयों के निधन की खबर दिलीप साहब को नहीं दी गई थी।

दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर 1922 को पाकिस्तान में हुआ था और उनका पहला नाम यूसुफ खान था। बाद में उन्हें पर्दे पर दिलीप कुमार के नाम से शोहरत मिली। एक्टर ने अपना नाम एक प्रोड्यूसर के कहने पर बदला था, जिसके बाद उन्हें स्क्रीन पर दिलीप कुमार के नाम से लोग जानने लगे।

दिलीप कुमार की शुरुआती पढ़ाई नासिक में हुई। बाद में उन्होंने फिल्मों में अभिनय का फैसला किया और 1944 में रिलीज हुई फिल्म ज्वार भाटा से डेब्यू किया। शुरुआती फिल्में नहीं चलने के बाद अभिनेत्री नूर जहां के साथ उनकी जोड़ी हिट हो गई। फिल्म जुगनू दिलीप कुमार की पहली हिट फिल्म बनी। दिलीप साहब ने लगातार कई फिल्में हिट दी हैं। उनकी फिल्म मुगल-ए-आजम उस वक्त की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी। अगस्त 1960 में रिलीज हुई यह फिल्म उस वक्त की सबसे महंगी लागत में बनने वाली फिल्म थी।

दिलीप कुमार को आठ फिल्मफेयर अर्वाड मिल चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा अवॉर्ड जीतने के लिए दिलीप कुमार का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। दिलीप कुमार को साल 1991 में पद्म भूषण और 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। 1994 तें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया। 2000 से 2006 तक वह राज्य सभा के सदस्य भी रहे। 1998 में वह पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज से भी सम्मानित किए गए।

50 से भी अधिक बॉलीवुड फिल्मों में किया काम


उन्होंने ‘ज्वार भाटा’ (1944), ‘अंदाज’ (1949), ‘आन’ (1952), ‘देवदास’ (1955), ‘आजाद’ (1955), ‘मुगल-ए-आजम’ (1960), ‘गंगा जमुना’ (1961), ‘क्रान्ति’ (1981), ‘कर्मा’ (1986) और ‘सौदागर’ (1991) समेत 50 से ज्यादा बॉलीवुड फिल्मों में काम किया था।

मोदी ने जताई संवेदना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया के जरिए कहा है कि दिलीप कुमार जी सिनेमा लेजेंड के तौर पर हमेशा याद रहेंगे। उनका जाना हमारी सांस्कृतिक दुनिया के लिए नुकसान है।

दिलीप साहेब के मानिन्द किसी और शख्सियत का अब जन्म लेना नमुमकिन है । उनके द्वारा अदा किए गए संजीदा रोल आज भी एक मिसाल हैं । अलविदा ट्रेजेडी किंग ।

रिपोर्ट – विकास चन्द्र अग्रवाल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *